Posted on 01 Jul, 2018 5:52 pm

स्कूल शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये 25 जून से बेसलाइन टेस्ट शुरू किया, जो 30 जून तक चला। बेसलाइन टेस्ट के माध्यम से प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में विद्यार्थियों में दक्षता का आकलन किया गया।

प्रदेश की लगभग एक लाख 11 हजार प्राथमिक और माध्यमिक सरकारी शालाओं में पढ़ने वाले 54 लाख बच्चों के बीच बेसलाइन टेस्ट किया गया। बेसलाइन टेस्ट के जरिये विद्यालयों में विद्यार्थियों के सीखने के स्तर के आधार पर उनका समूह में वर्गीकरण किया गया। दूसरे चरण में बेसलाइन टेस्ट की डाटा एन्ट्री की जायेगी, जिससे जिला एवं राज्य-स्तर पर मूलभूत दक्षताओं की स्थिति का अवलोकन किया जायेगा।

बेसलाइन टेस्ट की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाये रखने के लिये विभागीय स्तर पर शाला मित्र, प्रधानाध्यापक और थर्ड पार्टी मॉनीटरिंग के रूप में प्रदेश के केन्द्रीय विद्यालय के स्टॉफ का भी सहयोग लिया गया। जिन बच्चों का बेसलाइन टेस्ट नहीं हो सका है, उनके लिये 10 जुलाई तक यह कार्य किया जायेगा।

बेसलाइन टेस्ट के विश्लेषण के बाद बच्चों की दक्षता बढ़ाने के लिये शैक्षणिक स्तर पर प्रयास किये जायेंगे। इस प्रक्रिया में हिन्दी भाषा और गणित की विशेष कक्षाएँ लगाई जायेंगी। प्रदेश में इस वर्ष बेसलाइन टेस्ट प्रक्रिया में वीडियो का भी उपयोग किया गया है। इसकी सूचना लिंक शिक्षकों को उनके मोबाइल पर दी गई। बेसलाइन टेस्ट में यू-ट्यूब का भी उपयोग किया गया।

राज्य शिक्षा केन्द्र ने बेसलाइन टेस्ट के आकलन और उसके विश्लेषण के लिये जिला शिक्षाधिकारियों और जिला समन्वयकों को निर्देश जारी किये हैं।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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