Posted on 29 Sep, 2016 4:40 pm

भोपाल : गुरूवार, सितम्बर 29, 2016, 13:08 IST
 

प्रदेश की 19 मण्डी आज से राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना से 29 सितम्बर से जुड़ गई। यह योजना पूरे देश के लिये इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म है। इसके अंतर्गत प्रदेश की मण्डी विभिन्न राज्य की कृषि उपज मण्डी समितियों और मण्डी प्रांगणों से जुड़ जायेंगी।

राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना में प्रदेश की 50 मण्डी का चयन किया गया है। इसमें 34 सामान्य श्रेणी, 7 अनुसूचित श्रेणी एवं 9 मण्डी अनुसूचित-जनजाति श्रेणी की चुनी गयी हैं। योजना में प्रदेश को भारत सरकार से 7 करोड़ 50 लाख का अनुदान मिला है। प्रति मण्डी 30 लाख रुपये दिये जायेंगे, जिनसे इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म के लिये आवश्यक सॉफ्टवेयर, अधोसंरचना एवं उपकरण आदि खरीदे जायेंगे। पोर्टल चलाने का व्यय कृषि उपज मण्डी द्वारा वहन किया जायेगा।

प्रथम चरण में प्रदेश की 20 मण्डी को राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना से जोड़ा गया है। पॉयलेट के तौर पर भोपाल की करोद मण्डी को 14 अप्रैल, 2016 को ई-मण्डी से जोड़ा गया, जिसका लोकार्पण नई दिल्ली में विज्ञान भवन से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने और भोपाल में किसान-कल्याण तथा कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने किया।

राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना में चयनित 20 मण्डी को अलग-अलग जिंस के लिये चिन्हांकित किया गया है। इसमें भोपाल मण्डी द्वारा चने का शत-प्रतिशत व्यापार पोर्टल पर पंजीकृत व्यापारियों द्वारा किया जा रहा है। योजना में 29 सितम्बर से जुड़ रही मण्डियों में जिंस का चयन इस प्रकार है- सीहोर, बैतूल, मंदसौर, नीमच, रतलाम, छिन्दवाड़ा, सतना और रीवा का चना और देवास का देशी चने के लिये चयन हुआ है। इसके अलावा विदिशा, पिपरिया, उज्जैन, जावरा मण्डी में मसूर, इंदौर-मूंग, अशोकनगर और दमोह में तुअर तथा सागर मण्डी बटरी का व्यापार पोर्टल पर देश के अन्य राज्यों की मण्डियों के साथ करेंगे।

आज से जिन मण्डियों में राष्ट्रीय बाजार योजना शुरू हो रही है, वहाँ स्ट्रेटेजी पार्टनर द्वारा एनॉलिस्ट की नियुक्ति हो चुकी है। ई-नेम का लॉगिंग पासवर्ड दे दिया गया है और सॉफ्टवेयर संचालन की कार्यवाही शुरू हो गयी है। इन मण्डियों में कम्प्यूटर, यूपीएस, प्रिंटर, एलईडी ग्रेडिंग लेब, एन्ट्री गेट, ई-ऑक्शन प्लेटफार्म आदि का अधोसंरचनात्मक विकास किया गया है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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