Posted on 09 Nov, 2016 5:45 pm

भोपाल : बुधवार, नवम्बर 9, 2016, 17:40 IST

 

प्रत्येक विकास खण्ड में केन्द्र, राज्य सरकार और प्रायवेट पार्टनरशिप के समन्वय से एक आई.टी.आई. स्थापित की जाये। शतप्रतिशत दृष्टि बाधित एवं श्रवण बाधित युवाओं के लिए विशेष योजना बननी चाहिए। इसमें ट्रेड का निर्धारण, प्रशिक्षण और नियोजन की पूरी प्लानिंग हो। तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास (स्वतंत्र प्रभार), स्कूल एवं श्रम राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने यह सुझाव नई दिल्ली में नेशनल कान्फ्रेंस ऑफ स्टेट मिनिस्टर ऑन 'स्किलिंग विथ क्वालिटी' में दिये। कान्फ्रेंस को केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजीव प्रताप रूड़ी ने भी संबोधित किया।

श्री जोशी ने कहा कि प्रायवेट आई.टी.आई. के एफिलिएशन के लिए नयी नीति बनायी जाय। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के क्रियान्वयन में राज्य सरकारों की भूमिका स्पष्ट होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्किल को लोन के साथ जोड़ें। प्रशिक्षण के बाद स्व-रोजगार के इच्छुक को तुरंत लोन दिलवाया जाये। औद्योगिक क्षेत्र के समीप मेगा स्किल सेंटर स्थापित किया जाय।

कौशल विकास राज्य मंत्री ने कहा कि प्रशिक्षितजनों को विदेशों में नौकरी के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए ओवरसीज प्लेसमेंट एजेंसी स्थापित की जाय। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ट्रेनिंग और प्लेसमेंट सेल के साथ इसे जोड़ा जाय। राज्य में स्किल गैप का सर्वेकर क्षेत्र विशेष में प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित होने चाहिए। उन्होंने प्रदेश में किये जा रहे उल्लेखनीय कार्यों की भी जानकारी दी। कान्फ्रेंस में प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव भी उपस्थित थीं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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