प्रतिबंधित सामग्री बंदियों तक नहीं पहुँचे
Posted on 09 Jun, 2016 9:47 am
जेल महानिदेशक द्वारा प्रदेश के सभी जेल अधिकारियों को जेल में सतत, सघन और आकस्मिक तलाशी अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। अभियान का उद्देश्य है बंदियों तक प्रतिबंधित सामग्री नहीं पहुँचने देना है।
अतिरिक्त महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवा श्री सुशोभन बनर्जी द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि समस्त जेल अधीक्षकों को नियमित एवं आकस्मिकता के आधार पर सघन तलाशी के निर्देश दिये गये हैं। जेल में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सघन तलाशी लेने के बाद ही उसे जेल में प्रवेश दिया जाना है। जेल में आने वाले प्रत्येक सामान की सघन तलाशी होगी। विशेष रूप से बंदियों के मित्र, परिजन द्वारा लाये जाने वाले सामान की तलाशी पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।
कैदियों को ब्रश, जीभी, मंजन, साबुन, सर्फ, खाने-पीने की सामग्री आदि कुछ सामग्री अपने स्वयं के व्यय पर प्राप्त करने की अनुमति है। वैधानिक सामग्री की आड़ में कैदियों के परिजन द्वारा प्रतिबंधित सामग्री भी प्रदान कर दी जाती है। कैदियों के पास अवैध सामग्री न पहुँचे, इसके लिये सुरक्षा प्रबंधों को और मजबूत करने के प्रयास किये जा रहे हैं। समस्त केन्द्रीय जेलों में सामान पर नजर रखने के लिये बैगेज स्केनर लगाये गये हैं।
अभियान का असर भी दिखने लगा है। केन्द्रीय जेल रीवा, सतना, उप जेल महू, केन्द्रीय जेल जबलपुर में मोबाइल फोन, बेटरी, नगद राशि जैसी प्रतिबंधित सामग्री बरामद हुई है। केन्द्रीय जेल, जबलपुर में बंदी के परिजन द्वारा दी गयी चप्पल को बैगेज स्केनर से निकलने पर उसके अंदर 6 नग मोबाइल बेटरी बरामद हुई। संबधित के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
जेलों में उपलब्ध अमले की कमी एवं सुरक्षा प्रबंध तथा तलाशी की समुचित समीक्षा के लिये जेल मुख्यालय ने सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, संभागीय कमिश्नर एवं पुलिस महानिरीक्षकों से भी अनुरोध किया है कि वह भी आकस्मिक रूप से पुलिस के सहयोग से अपने अमले के साथ अपने क्षेत्र में स्थित जेलों की सघन तलाशी करवायें, जिससे कैदियों के पास प्रतिबंधित सामग्री नहीं पहुँच सके। इस अनुरोध के बाद केन्द्रीय जेल ग्वालियर, जिला जेल नीमच आदि में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में सघन तलाशी करवायी गयी है। जेल मुख्यालय द्वारा समस्त जेल अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि यदि तलाशी में लापरवाही या उदासीनता पायी जाती है तो संबंधित अधिकारियों का उत्तर दायित्व निर्धारित करते हुए कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश