Posted on 24 Aug, 2018 6:33 pm

 

आप प्रकृति को जो देंगे, प्रकृति भी आपको वही वापस करेगी। पीओपी में हैवी मेटल और बहुत सारे हानिकारक पदार्थ होते हैं, जो कैंसर जैसी घातक बीमारियों के कारक हैं। एप्को कार्यपालन संचालक श्री जितेन्द्र सिंह राजे ने यह बात आज एप्को परिसर में मिट्टी से मूर्ति निर्माण प्रशिक्षण 'ग्रीन गणेश अभियान-2018'' का शुभारंभ करते हुए कही। कार्यशाला में गणेश उत्सव समितियों के आयोजक, मूर्तिकार, शिक्षक, स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राओं और आम नागरिकों ने भाग लिया।

श्री राजे ने प्रतिभागियों से अपील की कि वे अपने आस-पड़ोस और जन-सामान्य को गणेशोत्सव के दौरान मिट्टी की गणेश प्रतिमा की स्थापना और घर में ही विसर्जन के लिये प्रेरित करें। पीओपी और रासायनिक रंग पानी में घुलकर जल तंत्र और प्राणियों को गंभीर नुकसान पहुँचाते हैं। एप्को द्वारा भोपाल के ईको-क्लब के शिक्षकों को मूर्ति निर्माण प्रशिक्षण देकर ग्रीन गणेश कार्यक्रम को बड़े स्तर पर किया जायेगा।

कार्यशाला में प्रेजेंटेशन द्वारा गणेश प्रतिमा विसर्जन से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव, प्रतिमा निर्माण के लिये मिट्टी की तैयारी आदि को बताया। प्रतिभागियों को मिट्टी की गणेश प्रतिमा बनाते समय सीड बॉल कांसेप्ट की भी जानकारी दी गई। इससे विसर्जन के बाद प्रतिमा के भीतर मौजूद बीज से नया पौधा उगेगा और हरियाली बढ़ेगी।

कार्यशाला में 150 से अधिक लोगों ने मिट्टी से ग्रीन गणेश प्रतिमा का निर्माण करना सीखा और अपनी प्रतिमा को साथ लेकर घर गये। एप्को के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी लोग गणेश प्रतिमा बनाना सीखने के साथ अपने घर ले जा सकेंगे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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