Posted on 28 May, 2018 3:24 pm

 

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना आदि सरकारी योजनाओं से बच्चों की जन्मजात विकृति दूर होने के साथ उनके परिवार का तनाव भी खत्म हो रहा है। सिवनी जिले के कुरई विकासखंड के चार जन्म से मूक-बधिर बच्चे अब बोलने और सुनने लगे हैं।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम जब इनके गाँव की आँगनबाड़ी पहुँची तो ग्राम धनौली के 5 वर्षीय आयुष, ग्राम कुरई की 5 वर्षीय शुभेच्छा, ग्राम गोण्ड़ेगाँव का 3 वर्षीय देव और बेलगाँव का 4 वर्षीय आयुष का उनके माता-पिता ने स्वास्थ्य परीक्षण करवाया। टीम ने परीक्षण के बाद इन बच्चों को जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र (डी.ई.आई.सी.) के शिविर में भेजा। शिविर में इन बच्चों का प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण कर शासकीय सहायता से सुनने की मशीन प्रदान की गई। साथ ही इनका चयन कॉकलियर इम्प्लांट के लिये भी हो गया।

मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना में इन बच्चों के लिये 26 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई। कुरई टीम के चिकित्सक के सतत प्रयासों से मई माह के प्रथम सप्ताह में जबलपुर के जामदार अस्पताल में सभी चारों बच्चों का सफल ऑपरेशन हो गया है। ऑपरेशन के बाद ये बच्चें बहरेपन से मुक्त हो चुके हैं। शीघ्र ही स्पीच थेरेपी से ये सामान्य बच्चों की तरह बोलने लगेंगे। इनके पिता दिलीप भोमल, संतोष धुर्वे, संतोष रांहगडाले और हरिप्रसाद बघेल शासन को कोटि-कोटि दुआएँ दे रहे हैं। परिवार में भी खुशी का माहौल है।

क्लिफ्ट सर्जरी के बाद बोलेगी निशिका : सागर जिले के ग्राम पीपरा निवासी निलेश लोधी की बेटी निशिका भी अब बोलने लगेगी। निशिका जन्म से ही कटे-फटे होंठ की बीमारी से ग्रसित थी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने एक दिन राहतगढ़ शिविर में इसको चिन्हित किया। जिला कोआर्डिनेटर के माध्यम से भोपाल में निशिका का सफल ऑपरेशन हुआ। निलेश कहते है अब मेरी बेटी बोल भी सकेगी, ढंग से खाना भी खा सकेगी। सबसे बड़ी बात यह है कि जन्मजात विकृति से छुटकारा पाने से वह सुन्दर भी दिखने लगी है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम हम जैसों के लिये किसी दैवीय सहायता से कम नहीं है।

सक्सेस स्टोरी (सिवनी, सागर)

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश