Posted on 28 Jul, 2017 7:26 pm

 

चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री श्री जैन की अध्यक्षता में म.प्र.-चिकित्सीय परिषद की बैठक 

 

 

भोपाल : शुक्रवार, जुलाई 28, 2017, 18:31 IST
 

पैरामेडिकल से संबंधित नये पाठ्यक्रमों के संचालन एवं वर्तमान पाठ्यक्रमों के उन्नयन के लिये अकाडमिक बोर्ड का गठन होगा। चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री शरद जैन की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में ही मध्यप्रदेश सह चिकित्सीय परिषद् की 19वीं वार्षिक बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती गौरी सिंह उपस्थित थी।

पैरामेडिकल कौसिंल द्वारा ऐलोपेथिक एवं आयुष से संबंधित स्नातकोत्तर डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कुल 49 पाठ्यक्रम का संचालन किया जाता है। इसके उन्नयन एवं नये पाठ्यक्रमों के संचालन के लिये अकाडमिक बोर्ड का गठन किया जायेगा। बैठक में वर्ष 2017-18 के प्रस्तावित बजट का अनुमोदन भी हुआ।

पैरामेडिकल संस्था शुरू करने के लिये ऑनलाइन परियोजना की मंजूरी

बैठक में शैक्षणिक सत्र 2018-19 से पैरामेडिकल संस्था शुरू करने के लिये ऑनलाइन परियोजना की मंजूरी दी गयी। नये शैक्षणिक सत्र से एम.पी. ऑनलाइन के माध्यम से पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के संचालन के लिये आवेदन लेने ऑनलाइन प्रक्रिया अपनायी जायेगी। इसके लिये प्रत्येक वर्ष एक अक्टूबर से 30 नवम्बर तक साइट खोली जायेगी। इसकी सभी तैयारियाँ पूर्ण कर ली गयी हैं।

नया एकेडमिक कैलेण्डर अब एक जुलाई से

श्री जैन ने एकेडमिक कैलेण्डर में बदलाव करने की अनुमति प्रदान की। अब पैरामेडिकल पाठ्यक्रम सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री और स्नातकोत्तर संचालित करने वाली पैरामेडिकल संस्थाओं के लिये एकेडमिक कैलेण्डर एक जुलाई से शुरू होगा। यह कार्य अगले नये सत्र से होगा।

परिषद का भवन एम्स के समीप बनेगा

बताया गया कि मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल कॉलोनी अमरावती में एम्स के समीप 2871.30 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के भू-खण्ड पर परिषद का भवन निर्माण किया जायेगा। पैरामेडिकल संस्थाओं के भौतिक सत्यापन के लिये निरीक्षण दल का गठन कर निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर संस्था को मान्यता दी जायेगी।

बैठक में आयुष आयुक्त श्रीमती शिखा दुबे, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्री शिवशेखर शुक्ला, संचालक डॉ. उल्का श्रीवास्तव, स्वास्थ्य संचालक श्री जे.एल. मिश्रा, परिषद की रजिस्ट्रार डॉ. पूजा शुक्ला सहित चिकित्सा महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के प्राचार्य एवं रजिस्ट्रार मौजूद थे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश