Posted on 07 Apr, 2018 4:15 pm

 

प्रदेश के प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों (पैक्स) के डिफाल्टर कृषक सदस्यों के बकाया कालातीत ऋणों के निपटारे के लिये 'मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना' लागू की गई है। किसान 15 जून 2018 तक अपने बकाया ऋण के मूलधन की 50 प्रतिशत राशि जमा कर इस योजना का लाभ ले सकेंगे।

योजना का लाभ लेने के लिये कृषक द्वारा बकाया मूलधन की 50 प्रतिशत राशि को 15 जून 2018 तक एक मुश्त अथवा किश्तों में जमा कराना होगा। इसके बाद निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा। कृषक द्वारा जिस दिनांक को शेष आधे मूलधन की राशि चुकाई जायेगी, उसी दिन कृषक को इस राशि के बराबर का शून्य प्रतिशत ब्याज का नवीन नगद ऋण स्वीकृत कर दिया जायेगा। साथ ही, उस दिनांक को खाते में शेष बकाया ब्याज की पूरी राशि माफ कर दी जायेगी। कृषक को नवीन ऋण मान के अन्तर्गत उपलब्ध शेष साख सीमा का अतिरिक्त ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज पर वस्तु ऋण के रूप में उपलब्ध होगा।

योजना में सम्मिलित होने वाले कृषकों को ख्ररीफ 2018 सीजन में नगद ऋण की मात्रा आधे मूलधन राशि से अधिक नहीं होगी। ऋण का शेष भाग वस्तु ऋण के रूप में होगा। आगामी रबी सीजन 2018-19 और इसके बाद आने वाले कृषि मौसमों में यह बंधन लागू नहीं रहेगा और नगद एवं वस्तु ऋण का अनुपात नियमित श्रेणी के कृषकों की भांति रहेगा।

योजना की परिधि में गबन, धोखाधड़ी से संबंधित ऋण प्रकरण शामिल नहीं होंगे। जिला स्तर पर योजना का समयावधि में क्रियान्वयन कराने का उत्तरदायित्व जिले के उप/सहायक आयुक्त, सहकारिता और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक का होगा। योजना में अपलेखित ब्याज की राशि का दायित्व भार 80 प्रतिशत राज्य शासन और 20 प्रतिशत संबंधित पैक्स संस्था द्वारा वहन किया जायेगा।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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