Posted on 22 Dec, 2016 7:01 pm

भोपाल : गुरूवार, दिसम्बर 22, 2016, 16:59 IST

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पूरा प्रदेश सिंचित हो। इस लक्ष्य के अनुसार योजनाओं का निर्माण किया जाये। लक्ष्य प्राप्ति के लिये लघु, मध्यम, वृहद सिंचाई परियोजनाओं के साथ ही खेत तालाब, बैराज, चैक डेम आदि के निर्माण की समग्र योजना बनायें। श्री चौहान आज मंत्रालय में जल संसाधन विभाग की निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की सिंचाई क्षमता के विस्तार का रोडमेप तैयार करें। किसानों की आमदनी को दोगुना करने और गरीबी दूर करने का कारगर तरीका सिंचाई सुविधा की उपलब्धता है। जल संसाधन विभाग और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण संयुक्त रूप से उन क्षेत्रों को चिन्हांकित करें, जो सिंचाई परियोजना से लाभान्वित नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्य की गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाये। कार्य पारदर्शी प्रक्रिया से हो। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस रहे। निर्माण एजेंसियों के प्रति सहयोगात्मक रवैया रहना चाहिये।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश को विकसित करने में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार प्रभावी कारक रहा है। इसे और अधिक विस्तारित किया जाये। सिंचाई योजनाओं के लोकार्पण/शिलान्यास के कार्यों का संयोजन कर कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करे। इससे सिंचाई संरचनाओं के संरक्षण-संवर्द्धन के प्रति जन-चेतना का सकारात्मक वातावरण बनेगा। वातावरण निर्मित कर जन-सहयोग से ऐतिहासिक सफलताएँ प्राप्त की जा सकती हैं। सफलता का ज्वलंत प्रमाण नर्मदा सेवा यात्रा है, जो नदी संरक्षण का अनूठा सामाजिक आंदोलन बन रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पर्यटन केन्द्र हनुवंतिया की बढ़ती लोकप्रियता का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश की अन्य परियोजनाओं तवा, बरगी, बाणसागर, मणिखेड़ा आदि को भी पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जाना चाहिये। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में निर्माणाधीन वृहद और मध्यम परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि योजना निर्धारित समयावधि में पूर्ण हो, इस पर फोकस रहे। उन्होंने विलम्ब की संभावना वाली परियोजनाओं के संबंध में विलम्ब के लिये उत्तरदायी कारकों सहित प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये।

बैठक में बताया गया कि 17 लाख 46 हजार 834 हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता की 6 वृहद परियोजनाएँ और 20 लाख 72 हजार 658 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता की 12 मध्यम परियोजनाएँ प्रस्तावित हैं। कुल 11 लाख 51 हजार 834 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता की 18 वृहद सिंचाई परियोजनाएँ और 2 लाख 44 हजार 639 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता की 36 मध्यम परियोजनाएँ निर्माणाधीन है। निर्माणाधीन परियोजनाओं से 4 लाख 8 हजार 528 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की क्षमता विकसित हो चुकी है।

बैठक में मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री ए.पी. श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव जल संसाधन श्री पंकज अग्रवाल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री अशोक वर्णवाल, सचिव मुख्यमंत्री श्री हरिरंजन राव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश