Posted on 30 May, 2016 7:42 pm

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन ने सामाजिक और शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को प्रतिवर्ष महात्मा ज्योतिबा फुले एवं सावित्री बाई फुले पिछड़ा वर्ग-सेवा राज्य पुरस्कार देने के लिये नियम जारी किये हैं। दोनों पुरस्कार में 2-2 लाख रुपये नगद, प्रशंसा-पत्र, शाल एवं श्रीफल दिया जायेगा। इन पुरस्कारों का अलंकरण समारोह मध्यप्रदेश रामजी महाजन पिछड़ा वर्ग सेवा राज्य पुरस्कार समारोह के साथ ही होगा।

महात्मा ज्योतिबा फुले पिछड़ा वर्ग सेवा राज्य पुरस्कार

यह पुरस्कार पिछड़ा वर्ग के ऐसे समाजसेवी को दिया जायेगा, जिसने पिछड़े वर्गों में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों, अंधविश्वास दूर करने, सामाजिक समरसता और संगठन को मजबूत करने में उत्कृष्ट कार्य करने के साथ ही साहित्य, कला एवं प्रकाशन का कार्य किया हो।

सावित्री बाई फुले पिछड़ा वर्ग सेवा राज्य पुरस्कार

यह पुरस्कार पिछड़ा वर्ग की ऐसी महिला समाजसेवी को दिया जायेगा, जिसने शिक्षा एवं महिला उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य, साहित्य एवं कला का सृजन एवं प्रकाशन किया हो।

राज्य शासन द्वारा रामजी महाजन पिछड़ा वर्ग सेवा राज्य पुरस्कार के लिये गठित जूरी द्वारा ही ज्योतिबा फुले एवं सावित्री बाई फुले पुरस्कार के लिये भी समाजसेवियों का चयन किया जायेगा। जिस वर्ष के लिये पुरस्कार प्रदान किया जाना है, उस वर्ष के लिये प्रविष्टियाँ आयुक्त पिछ़ड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण द्वारा प्रमुख दैनिक, राष्ट्रीय और प्रादेशिक समाचार-पत्रों के माध्यम से आमंत्रित की जायेंगी। प्रविष्टि समाजसेवी द्वारा स्वयं या उनकी ओर से उनके सेवाकाल से सुपरिचित व्यक्ति अथवा संगठन द्वारा दी जा सकेगी। प्रविष्टि में जाति, मूल-निवास प्रमाण-पत्र, आधार-कार्ड, वोटर आई.डी. की छायाप्रति, पिछड़ा वर्ग के लिये किये गये सेवा कार्यों की विस्तृत जानकारी, पूर्व में मिले पुरस्कार, उनके सेवा कार्य के लिये प्रख्यात पत्र-पत्रिकाओं और संस्थाओं द्वारा की गयी टिप्पणियों की फोटो-प्रतियाँ संलग्न करनी होंगी।

चयन के मापदण्ड

जूरी पिछड़ा वर्ग के ऐसे लोगों का चयन करेगी, जो मध्यप्रदेश के निवासी हों और दीर्घ काल तक पिछड़ा वर्ग/समुदाय की सेवा की हो। शासकीय एवं अर्द्ध-शासकीय वेतनभोगी पुरस्कार के पात्र नहीं होंगे। भूतकालिक एवं वर्तमान दोनों प्रकार के सेवा कार्यों का आकलन होगा। समाजसेवी की वर्तमान में भी सक्रियता आवश्यक है। परम्परागत तरीकों से हटकर सेवा के क्षेत्र में नवाचार अपनाया गया हो। चयनित समाजसेवी को राज्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जायेगा। पुरस्कार के लिये बजट में हर वर्ष समुचित वित्तीय प्रावधान रखा जायेगा। आयुक्त, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण प्रतिवर्ष के पुरस्कारों की प्रविष्टियों और चयनित समाज-सेवियों आदि का रिकार्ड प्रतिवर्ष के लिये अलग-अलग संधारित करेंगे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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