Posted on 28 Feb, 2018 1:02 pm

 

मध्यप्रदेश में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिये उन्हें परम्परागत फसलों के साथ-साथ उद्यानिकी फसल और पशुपालन के लिये भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। पशुपालन व्यवसाय से किसानों को फायदा भी पहुँचा है। मुरैना के ग्राम छौदा के हरेन्द्र सिंह दण्डोतिया खेती के साथ सफलतापूर्वक पशुपालन व्यवसाय कर रहे हैं। उन्होंने पशुपालन से हुई आमदनी से पक्का मकान भी बनवा लिया है।

हरेन्द्र सिंह बताते हैं कि वे वर्षों से परम्परागत खेती करते आ रहे थे। खेती से जो मुनाफा होता था, उसमें केवल थोड़ी आमदनी से जैसे-तैसे 8 सदस्यों के परिवार का भरण-पोषण कर पाते थे। खेती करने के बाद उनके पास जो समय बचता था, उसमें वे आसपास प्रायवेट नौकरी भी कर लिया करते थे। हरेन्द्र सिंह को पशुपालक गोष्ठी के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना में लाभ लेने का मन बनाया। पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने किसान हरेन्द्र सिंह की दिलचस्पी को देखते हुए उनका 6 लाख 50 हजार रुपये का भैंस-पालन का ऋण तैयार करवाया। प्रकरण मंजूर होने के बाद उन्हें अनुदान की राशि भी मिली।

हरेन्द्र सिंह कहते हैं कि पशुपालन से उन्हें प्रतिदिन 70 लीटर दूध मिल रहा है। यह दूध उनके घर से ही अच्छे दामों पर बिक जाता है। दूध व्यवसाय से उन्हें 2 हजार रुपये से अधिक की प्रतिदिन की आमदनी भी हो रही है। पशुपालन व्यवसाय में हरेन्द्र के 2 भाई भी मदद कर रहे हैं। हरेन्द्र ने किसान-कल्याण एवं कृषि विकास विभाग से चर्चा कर गोबर गैस प्लांट और नाडेप टांका लगाने की कार्यवाही शुरू कर दी है। इससे उन्हें और अतिरिक्त आमदनी होगी। वे पशुपालन व्यवसाय को बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं।

पशुपालन व्यवसाय से मिली तरक्की को देखकर उनके गाँव के अन्य लोगों ने हरेन्द्र से उनकी सफलता के बारे में पूछताछ की है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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