Posted on 12 May, 2017 6:21 pm

 

मंत्री श्रीमती चिटनिस की बुरहानपुर में छात्र-छात्राओं से चर्चा 

 

भोपाल : शुक्रवार, मई 12, 2017, 17:47 IST
 

 

महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा है कि हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी के छात्र-छात्राएँ परीक्षा परिणाम को सकारात्मक भाव से स्वीकार करें। उन्होंने कहा कि परीक्षा परिणाम अपेक्षानुसार हो या कुछ कम, अति उत्साहित या उदास होने की जरूरत नहीं है। हिम्मत और समझदारी से काम ले। क्योंकि हर परिस्थिति में कोई न कोई द्वार खुलता है। परीक्षा परिणामों को जीवन की हार-जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि विद्यार्थियों को धैर्य,साहस और संघर्षशीलता जैसे मानवीय गुणों के साथ जीवन में आगे बढ़ने के लिए तैयार करना परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं का दायित्व है।

महिला बाल विकास मंत्री आज हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी के परिणाम आने के संदर्भ में बुरहानपुर में छात्र-छात्राओं से चर्चा कर रहीं थी। उन्होंने कहा कि अपेक्षा के अनुसार परीक्षा परिणाम नहीं आने पर हताशा या अवसाद के क्षणिक भाव में विद्यार्थी आत्मघाती कदम उठाने से बचे।

श्रीमती चिटनिस ने बताया कि मध्यप्रदेश विधानसभा नें छात्रों द्वारा मानसिक तनाव के कारण आत्म हत्या किए जाने संबंधी सामाजिक समस्या के समाधान के लिये गठित समिति ने 24 मार्च 2017 को विधानसभा में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। उल्लेखनीय है कि श्रीमती चिटनिस इस समिति की अध्यक्ष थी। रिपोर्ट में  विद्यार्थियों द्वारा आत्मघाती कदम उठा लेने के पीछे के कारणों को मूलत: पारिवारिक, सामाजिक, आथिक, शैक्षणिक और मनोवैज्ञानिक श्रेणी में बाँटा गया हैं। समिति ने माता-पिता के लिए पेरेंटिंग(अभिभावकत्व) में उन्मुखीकरण की व्यवस्था करने, परिवार में संवादहीनता न होने देने, बच्चों के व्यक्तित्व विकास और आत्म-विश्वास बढ़ाने के लिये परिवार, शिक्षण संस्था और समाज के स्तर पर पहल करने संबंधी सुझाव भी दिये हैं। समिति ने शिक्षा तथा परीक्षा व्यवस्था को तनावमुक्त बनाने, पाठ्यक्रमों के निर्धारण में उद्यमिता को विकसित करने संबंधी सुझाव भी दिये। श्रीमती चिटनिस ने माध्यमिक शिक्षा मंडल की 'रूक जाना नहीं योजना' को भी इस दिशा में सार्थक पहल बताया हैं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश