Posted on 11 Nov, 2016 7:01 pm

भोपाल : शुक्रवार, नवम्बर 11, 2016, 18:29 IST
 

मध्यप्रदेश पूर्व, मध्य एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्य क्षेत्र में शनिवार 12 नवम्बर को लगने वाली नेशनल लोक अदालत में बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरण को समझौते के माध्यम से निराकृत किया जाएगा। विद्युत उपभोक्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं से अपील की गई है कि वे अप्रिय कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए अदालत में समझौता करने के लिए संबंधित बिजली कार्यालय से संपर्क करें। वितरण कंपनी द्वारा विद्युत अधिनियम की धारा 135, 138 तथा 126 में दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में लोक अदालत में समझौता शर्तों का मसौदा जारी कर दिया गया है।

कंपनी ने निर्णय लिया है कि धारा 135 और 138 के न्यायालयों में लंबित प्रकरण एवं जो प्रकरण दर्ज नहीं हो सके हैं तथा धारा 126 में बनाये गये हैं तथा ऐसे प्रकरण जिनमें उपभोक्ताओं द्वारा अपीलीय कमेटी के सामने आपत्ति प्रस्तुत नहीं की गई है, में निराकरण के लिये निम्न-दाब श्रेणी के समस्त घरेलू, कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी जायेगी।

प्रीलिटिगेशन के आधार पर कंपनी द्वारा आकलित सिविल दायित्व की राशि पर 40 प्रतिशत एवं आकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के बाद छमाही चक्रवृद्धि दर के अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

आकलित सिविल दायित्व की राशि पर 25 प्रतिशत एवं आकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के बाद प्रत्येक छमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। कंपनी के अनुसार लोक अदालत में छूट कुछ नियम एवं शर्तों में दी जाएगी।

आवेदक को निर्धारित छूट के बाद शेष बिल आकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता/उपयोगकर्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले एवं अन्य परिसर पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई वैध कनेक्शन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने के लिये वैध कनेक्शन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित कनेक्शन के विरूद्ध बकाया राशि का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा। आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही छूट दी जाएगी। विद्युत चोरी/अनधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पहले की लोक अदालत में छूट प्राप्त किये उपभोक्ता/उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे। सामान्य बिजली बिलों में जुड़ी बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी।

यह छूट मात्र 12 नवम्बर की नेशनल ‘‘लोक अदालत/मेगा लोक अदालत‘‘ में समझौता करने के लिये ही लागू रहेगी।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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