Posted on 29 Dec, 2017 3:06 pm

नीमच शहरवासियों को अब पुराने ऑटो रिक्शा की बजाय धुआँरहित ई-रिक्शा की सवारी पसंद आ रही है। लोग अब अन्य ऑटो रिक्शा के बजाय ई-रिक्शा में बैठना पसंद कर रहे हैं। इन्हीं कारणों से पहले किराये पर ऑटो रिक्शा चलाने वाले नीमच के चंचल भटनागर ने भी अपना स्वयं का ई-रिक्शा खरीद लिया है। ई-रिक्शा से चंचल को अब प्रतिदिन 300 से 400 रुपये की आमदनी हो रही है। साथ ही रोज के किराये के भुगतान एवं डीजल-पेट्रोल भरवाने की चिंता से मुक्ति भी मिल गई है।

ऑटो चालक चंचल भटनागर पहले किराये पर ऑटो लेकर चलाया करते थे। किराये और पेट्रोल भुगतान करने के बाद बमुश्किल उन्हें 200 रुपये प्रतिदिन की आमदनी हो पाती थी। चंचल को मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना की जानकारी मिली। इसके लिये उन्होंने नगरपालिका में संबंधित अधिकारी से सम्पर्क किया और उन्होंने ई-रिक्शा खरीदने की मंशा बताई। तमाम परीक्षण के बाद उनका प्रकरण राष्ट्रीयकृत बैंक को भेजा गया। इलाहाबाद बैंक ने उनके प्रकरण पर एक लाख 40 हजार रुपये की ऋण राशि मंजूर की। इसके साथ ही चंचल भटनागर को करीब 28 हजार रुपये का अनुदान भी मिला।

लगातार दूषित हो रहे पर्यावरण के कारण नीमच शहर में ई-रिक्शा की माँग बढ़ी है। वक्त की माँग को देखते हुए ही चंचल ने ई-रिक्शा खरीदने का निर्णय लिया था। चंचल की सफलता को देखते हुए अन्‍य लोगों ने भी स्व-रोजगार के लिये राज्य सरकार की मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में लाभ लेने का मन बनाया है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश