Posted on 14 Jul, 2019 3:04 pm

राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण अंचलों में पेयजल व्यवस्था को प्राथमिकता दिये जाने से नीमच जिले में ग्रामीणों को रोजाना दो बार घर-घर पानी मिलने लगा है। पिछली गर्मी में बमुश्किल दो दिन में एक बार पानी मिलता था, वो भी गाँव के कुएँ और हैण्ड-पम्प पर जाकर लाना पड़ता था।

नीमच जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर ग्राम भरभड़िया और 27 किलोमीटर दूर ग्राम ढाणी पेयजल की बेहतर व्यवस्था की मिसाल बन गये हैं। इन गाँवो को पेयजल समस्या से मुक्ति मिल गई है। यहाँ की महिलाओं को अब पानी लाने के लिये कुएँ और हैण्ड-पम्प पर भी नहीं जाना पड़ता। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने घर-घर नल कनेक्शन लगा दिये हैं और प्रतिदिन पेयजल प्रदाय किया जा रहा है।

ग्राम भरभड़िया में 1015 परिवार निवास करते हैं। यहाँ पहले एक नल-कूप और एक कुआँ था, जिससे जैसे-तैसे गर्मी के मौसम तक ग्रामीणों को पानी मिलता था। दोनों जल-स्रोत सूख जाने ग्रामीण पानी के लिये परेशान रहते थे। जिला-स्तरीय पेयजल समिति में गाँव की इस समस्या को प्राथमिकता से रखा गया। समिति की सहमति के बाद यहाँ एक नया नल-कूप स्थापित करने के साथ ही कुएँ को पुनर्जीवित कराया गया। पानी की दो उच्च-स्तरीय टंकी भी बनवायी गई। अब गाँव में लोगों को भरपूर पानी मिल रहा है। नल-जल योजना का संचालन ग्राम पंचायत कर रही है।

जावद विकासखण्ड के ग्राम ढाणी में भी पानी की बहुत दिक्कत थी। ग्रामीण पानी की व्यवस्था में इतने परेशान रहते थे कि उन्हें रोजी-रोटी कमाने के लिये समय नहीं मिल पाता था। गाँव के सभी हैण्ड-पम्प लगभग सूख गये थे। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने गाँव में खनिज प्रतिष्ठान मद से नल-कूप खनन करवाया, सम्प वेल की स्थापना की और घर-घर नल कनेक्शन लगवाए। अब पानी की समस्या पूरी तरह समाप्त हो गई है। ग्रामीणों को प्रतिदिन दो बार पानी मिलने लगा है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​​

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