Posted on 03 Aug, 2016 3:34 pm

सभी जिलों को स्वीप कार्यक्रम लागू करवाने के निर्देश 

भोपाल : बुधवार, अगस्त 3, 2016, 13:09 IST
 

भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचक नामावलियों में सुधार लाने और मतदान केन्द्र क्षेत्र एवं स्थिति का युक्तियुक्तकरण करने के लिए राष्ट्रीय निर्वाचक नामावलियों के परिशोधन का कार्यक्रम चलाया हैं। कार्यक्रम में फील्ड अधिकारियों द्वारा निर्वाचक सूचियों का गहन सत्यापन और चुनावी भागीदारों के साथ संवाद किया जा रहा है। वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने से कोई मतदाता वंचित न रहे इसके लिए आयोग ने दो मिशन भी हाथ में लिए हैं।

पहले मिशन में सभी पात्र नागरिकों का नाम निर्वाचक नामावलियों में जोड़ना, नामावली को त्रुटियों से मुक्त करवाना, निर्वाचकों को विशिष्ट ईपिक नंबर देना, अच्छी क्वालिटी और इमेज वाली फोटो का नामावली में समावेश करवाना, मृतक, स्थानांतरित और अनुपस्थित तथा दोहरी/बहुल प्रविष्टियों को हटवाना शामिल है।

दूसरे मिशन में जी.आई.एस. प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर मतदान केन्द्र की स्थिति एवं क्षेत्र तथा अंदर के भागों का मानकीकरण, मतदान केन्द्रों की सीमाओं का बेहतर मान-चित्र, मतदान केन्द्र के अंदर स्थित भाग एवं समीपवर्ती भागों का नियमितीकरण, मान-चित्र, मतदान केन्द्र के भवनों की इमेज और बुनियादी न्यूनतम सुविधाओं के विवरण के साथ लंबाई-चौड़ाई आदि का मानचित्र आदि शामिल है।

चुनाव के संबंध में समय-समय पर सूचना सरलता एवं सुगमता से निर्वाचकों को प्रदान करने के उददेश्य से परिवार सदस्यों के मोबाईल नंबर, ई-मेल, आई.डी. अन्य दस्तावेज एवं विवरण का भी संग्रह किया जा रहा है। विवरण देना पूरी तरह स्वैच्छिक है, जिसे किसी से भी साझा नहीं किया जायेगा। जानकारी आयोग के पोर्टल में रखी जावेगी।

आयोग द्वारा सूचना एकत्रित, प्रोसेस एवं मॉनीटर और चुनावी भागीदारों के साथ साझा करने के लिए एक बहुउद्देशीय एवं उपयोगी एनईआरपी डेशबोर्ड विकसित किया गया है। मैदानी अमले एवं बूथ लेवल अधिकारी को इसका प्रशिक्षण दिया गया है। सु-व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और स्वीप अभियान को संचालित करने के लिए बूथ जागरूकता समूह (BAG) के सदस्यों को भी इस कार्य में लगाया गया है। समूह द्वारा सार्वजनिक बैठक कर निर्वाचक नामावलियों को पढ़ने, पोस्टर चिपकाने और निर्वाचकों के साथ संवाद स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है।

मिशन में पारदर्शिता एवं नागरिकों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृतक और बहुल प्रविष्टियों की सूची, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर 7 दिन तक प्रदर्शित की जा रही है। सीईओ तथा डीईओ की वेबसाईट पर भी इसको प्रदर्शित किया जा रहा है। डाटा को राजनैतिक दलों के साथ भी साझा किया जा रहा है। सूचियों को ग्राम सभा, रेसीडेन्ट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA), वार्ड कमेटी, स्थानीय निकाय की बैठकों में पढ़ने के निर्देश दिये गये हैं। राजनैतिक दलों द्वारा बूथ स्तर पर नियुक्त बूथ लेवल एजेन्ट, बूथ लेवल ऑफिसर के साथ बैठक में सूची दिखाकर उनका फीडबेक लेंगें। नियम के अनुसार पूरी प्रक्रिया के बाद ही अंतिम रूप से दोहरी प्रविष्टियों को निर्वाचक नामावलियों से हटवाये जाने के निर्देश दिये गये हैं ताकि किसी पात्र मतदाता का त्रुटि से नाम न हटे। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को एक दैनिक रजिस्टर संधारित करने को कहा गया है,जिसका जिला निर्वाचन अधिकारी समय-समय पर अनुवीक्षण करेंगे।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती सलीना सिंह ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को राष्ट्रीय निर्वाचक नामावली शुद्धिकरण अभियान को लोकप्रिय बनाये जाने के लिए स्वीप कार्यक्रम को व्यापक-स्तर पर लागू करवाने के निर्देश दिये हैं। केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के विभागों/कॉर्पोरेट को भी बताया जा रहा है कि वे कर्मचारियों को कार्यक्रम की जानकारी दें और यह सुविधा प्रदान करें कि वे नामावली में अपने तथा परिजन के विवरण की जानकारी प्राप्त कर नाम देख सकें।

अभियान के संबंध में जागरूकता के लिए सिविल सोसायटी संगठन, गैर-सरकारी संगठन, रहवासी संघ को शहरी तथा नेहरू युवा केन्द्रों, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्व-सहायता समूह और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने के लिए निर्देशित किया गया है। कॉर्पोरेट से कहा गया है कि वे सामाजिक दायित्व योजनाओं के लिए उपलब्ध मद से अभियान का प्रचार-प्रसार करें।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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