Posted on 21 Feb, 2018 4:34 pm

धार जिले के ग्राम नवादपुरा में स्वामी विवेकानंद आदर्श आँगनवाड़ी-सह-बालवाड़ी निजी स्कूलों में मौजूद सुख-सुविधाओं को टक्कर दे रही है। प्राथमिक विद्यालय स्थानांतरित होने से शासकीय भवन खाली पड़ा था। गाँव के श्री कमल पटेल ने अपने पूर्वजों की स्मृति में 4 कक्षों का रंग-रोगन और पेंटिंग कर उन्हें सुंदर स्वरूप दिया है। यही नहीं श्री कमल पटेल और ग्रामीणों ने जन-सहयोग से गाँव में हर आधुनिक सुविधा जुटाकर इसे आदर्श बना दिया है।

ए.सी. युक्त कक्षों में लगेगी स्मार्ट-क्लॉस : दो कक्षों को स्मार्ट-क्लॉस बनाकर इनमें एयर कंडीशनर भी लगाये गये हैं। बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देने के लिये सभी आवश्यक सामग्री भी उपलब्ध कराई गई है। बच्चों के लिये छोटा-सा स्वीमिंग-पूल, साफ-सुथरा शौचालय, पीने के लिये आर.ओ. का पानी और खेलने के लिये आधुनिक खिलौनों का इंतजाम किया गया है। पूरे परिसर को सुंदर पेंटिंग और कार्टूनों से सजाया गया है। इस साज-सज्जा पर सांवरिया फाउण्डेशन ने 10 लाख रुपये खर्च किये हैं।

परिसर में 2 आँगनवाड़ी संचालित की जा रही हैं, जिनमें मध्यान्ह भोजन और नाश्ता भी दिया जा रहा है। एक स्मार्ट टीचर और बच्चों के आने जाने के लिये ट्रस्ट ने वाहन सुविधा की व्यवस्था की है। आगामी दिनों में पहली से तीसरी तक की कक्षाएँ संचालित की जायेंगी। इसमें गाँव के शिक्षित युवक-युवतियाँ और बुजुर्ग अपनी सेवाएँ देंगे।

प्रधानमंत्री के आदर्श ग्राम से ली प्रेरणा, पिंक-विलेज है नवादपुरा : श्री कमल पटेल बताते हैं उन्होंने यह प्रेरणा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की आदर्श ग्राम बनाने की पहल से ली है। वर्ष 2017 से यह गाँव खुले में शौच से मुक्त हो चुका है। संभाग का यह पहला आईएसओ सर्टिफाइड ग्राम, पिंक-विलेज है। यहाँ सभी घर गुलाबी रंग से पुते हुए हैं। एटीएम मशीन, पीने के लिये ठंडा आर.ओ. पानी, प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय में सुरक्षा की दृष्टि से सी.सी. टी.व्ही. कैमरे लगाये गये हैं। कैशलेस पंचायत, स्वच्छता के लिये डस्टबिन, आरामदायक कुर्सियों के साथ एक छोटा बगीचा भी गाँव में जन-सहयोग से बनाया गया है। रोचक बात यह है कि इन कामों के लिये कोई सरकारी सहायता नहीं ली गई है।

सक्सेस स्टोरी (धार)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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