Posted on 01 Apr, 2018 5:37 pm

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां कर्मचारियों-अधिकारियों के संगठनों को संबोधित करते हुए कहा कि सेवा-निवृत्ति की आयु 60 से बढ़कर 62 वर्ष करने से युवाओं को शासकीय नौकरियों में भर्ती के अवसरों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इस निर्णय के कारण जितने पद लगेंगे, उतने पद अलग से सृजित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि एक लाख पदों पर युवाओं की भर्ती की जाएगी। नये पदों में कोई कटौती नहीं की जायेगी। साढ़े सात लाख युवाओं को इसी साल स्व-रोजगार से लगाया जाएगा। श्री चौहान ने निगम-मंडलों, कोर्ट, प्राधिकरणों में भी सेवा-निवृत्ति की आयु 62 वर्ष करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्दी ही सहकारी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। संविदा कर्मियों का सम्मेलन भी बुलाया जाएगा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का सम्मेलन 8 अप्रैल को आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों-अधिकारियों की गरिमा और सम्मान से खिलवाड़ नहीं होने दिया जायेगा। शिक्षा-मित्र ई-उपस्थिति के संदर्भ में उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की अपमानजनक शर्त लागू नहीं होने देंगे। कर्मचारी अपने कर्तव्य का पालन करते रहें, उनके सम्मान का ख्याल रखा जाएगा।

श्री चौहान ने कहा कि 31 हजार शिक्षकों, सहायक शिक्षकों और व्याख्याताओं की भर्ती की जाएगी। इसके लिए अप्रैल के आखिरी सप्ताह में सूचना जारी होगी। इसके बाद 31 हजार शिक्षकों की और भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि 1800 चिकित्सकों की भर्ती की जाएगी। इसके अलावा, 2500 एएनएम, स्टाफ नर्स और 14 हजार आरक्षक की भर्ती हो रही है। इसके अतिरिक्त 8 हजार आरक्षकों की नई भर्ती और की जाएगी। सब इंस्पेक्टर, नायब तहसीलदार सहित एक लाख पदों पर भर्ती की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साल सेवा-निवृत्ति की आयु 62 साल तक बढ़ाने के बाद युवाओं के लिए नए पद सृजित किये जाएंगे। इस निर्णय के कारण युवाओं के नौकरी के अवसरों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। युवा चिंता न करें, उन्हें नौकरी के पर्याप्त अवसर मिलेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रमोशन का मामला विचाराधीन होने के कारण शासकीय कर्मचारियों-अधिकारियों के प्रमोशन रुके हुए थे। उसके कारण एक वेदना और दर्द था कि कई शासकीय कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हो गए। इस स्थिति के लिए कर्मचारियों का कोई दोष नहीं था। उन्होंने कहा कि जो लोग रिटायर हो चुके हैं, उनके संबंध विचार किया जाएगा कि उन्हें पदोन्नति का लाभ किस प्रकार मिले। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों के समय केंद्र के समान डी.ए. लेने में भी संघर्ष करना पड़ता था। अब यह निर्णय लिया गया है कि जब भी केंद्र डी.ए. बढ़ाएगा, राज्य सरकार उसके अनुसार ही डी.ए. बढ़ा देगी।

श्री चौहान ने संविदा की व्यवस्था को अन्याय पूर्ण बताते हुए कहा कि इसे समाप्त कर दिया जाएगा। प्रदेश भर से विभिन्न कर्मचारियों-अधिकारियों के संगठनों ने बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन मध्यप्रदेश निगम-मंडल कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष श्री अजय श्रीवास्तव 'नीलू' ने किया।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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