Posted on 02 Jan, 2017 6:18 pm

भोपाल : सोमवार, जनवरी 2, 2017, 16:15 IST
 

जीवनदायिनी माँ नर्मदा के संरक्षण एवं संवर्धन और प्रदूषण-मुक्त बनाने के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से निकाली जा रही नमामि देवी नर्मदे-नर्मदा सेवा यात्रा का आज दोपहर जबलपुर से नरसिंहपुर जिले में सनेर नदी के पुल से प्रवेश हुआ। यात्रा की अगवानी प्रदेश के लोक निर्माण, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री तथा नरसिंहपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह ने की। यात्रा का ध्वज मध्यप्रदेश गो-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद जी ने स्वामी दयालु जी महाराज को सौंपा। दयालु महाराज ने यात्रा का ध्वज प्रभारी मंत्री को सौंपा। यात्रा का कलश विधायक श्री जालम सिंह पटेल ने प्राप्त किया। प्रवेश के समय यात्रा के ध्वज और कलश की पूजा- अर्चना कर स्वागत किया गया।

इस शुभ-प्रसंग पर सांसद राव उदय प्रताप सिंह, विधायक श्री जालम सिंह पटेल, श्री संजय शर्मा एवं डॉ. कैलाश जाटव, जिला पंचायत अध्यक्ष संदीप पटेल, अपैक्स बैंक के पूर्व उपाध्यक्ष कैलाश सोनी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष वीरेन्द्र फौजदार, पूर्व विधायक शेखर चौधरी, श्री हाकम सिंह चड़ार एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु और ग्रामीणजन मौजूद थे।

जिले में नर्मदा सेवा यात्रा के प्रवेश पर हुआ अभूतपूर्व स्वागत

सनेर नदी के पुल पर प्रवेश पर यात्रा का अभूतपूर्व भव्य स्वागत किया गया। जगह- जगह फूल-मालाओं, वंदनवारों, सजावटी गुब्बारों, झंडियों, केल के पत्तों और तोरण द्वारों से यात्रा पथ को सजाया गया था। यात्रा की अगवानी 108 महिलाओं ने कलश लेकर की। जगह- जगह घरों के सामने एवं रास्ते पर रंगोली सजाकर और पुष्पवर्षा कर यात्रियों का अभिनंदन किया गया। युवा ध्वज लेकर और घोड़े पर सवार होकर यात्रा के आगे-आगे चल रहे थे। प्रवेश अवसर पर स्वस्तिवाचन, मंत्रोच्चार और शंख ध्वनि से यात्रा की अगवानी की गई। गाजे-बाजे, लोकनृत्य एवं लोक भजनों व कीर्तन से स्वागत किया गया। सनेर नदी के पुल से करीब 3 किलोमीटर तक पैदल यात्रा में आसपास के गाँवों के हजारों ग्रामीण उत्साह पूर्वक शामिल हुए। सनेर नदी के पुल से तरवारा एवं भड़री तक यात्रा पथ पर नर्मदा संरक्षण के नारों और नर्मदाष्टक 'त्वदीयपाद पंकजम्- नमामि देवि नर्मदे'' के घोष के साथ आकाश गुंजायमान हो रहा था। यात्रा पथ पर जगह- जगह नर्मदा सेवा यात्रा के यात्रियों के स्वागत एवं स्वल्पाहार के लिए स्टॉल लगाये गये थे। इसके बाद यात्रा कुकलाह पहुँची।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश