Posted on 01 Aug, 2017 10:19 pm

भोपाल : मंगलवार, अगस्त 1, 2017, 22:13 IST
 

आज धार जिले में नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं द्वारा राजस्व कर्मचारियों और एन.डी.आर.एफ. के कम्पनी कमाण्डर और जिला सेनानी आदि को बंधक बनाने, शासकीय कार्य में हस्तक्षेप करने और शासकीय अभिलेख और नस्तियों को छीनकर आंदोलन की नेत्री सुश्री मेधा पाटकर को सौंपने के कृत्य से यह जाहिर हुआ है कि आंदोलनकारी अब अराजकता पर उतर आये हैं।

उल्लेखनीय है कि आज राहत एवं बचाव कार्य संबंधी सर्वेक्षण कर रहे एन.डी.आर.एफ. के कम्पनी कमाण्डर श्री बुधराम देवासी, जिला सेनानी नगर सेना श्री विनोद बौरासी एवं अन्य को चिखल्दा नर्मदा तट पर नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं द्वारा घेरा जाकर अनशन स्थल पर ले जाकर करीब 3 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया। स्थानीय पुलिस अधिकारियों के जाने पर बड़ी मुश्किल से इन अधिकारियों को अनशन स्थल से जाने दिया गया।

इसी प्रकार नायब तहसीलदार श्री कमल मण्डेलिया, श्री रामअवतार ओझा, राजस्व निरीक्षक, पटवारियों एवं ग्राम पंचायत सचिव सिसगांव के दल द्वारा डूब प्रभावित ग्राम बटगाँव में डूब प्रभावित व्यक्तियों की सूची का भू-खण्ड वितरण के लिये सत्यापन कार्य के दौरान ग्राम चिखल्दा और बटगाँव के नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने अन्य ग्रामीणों को अवाज लगाकर बुलाया गया और दल के सदस्यों को घेरकर नर्मदा बचाओ आंदोलन के अनशन स्थल चिखलदा में सुश्री मेधा पाटकर के समक्ष डेढ़ किलोमीटर पैदल चलाकर घेरा बनाकर ले गए। नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं द्वारा दल के सदस्यों से शासकीय कागज एवं फाइलें छीनकर नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री सुश्री मेधा पाटकर को सौंपी गयी। सुश्री पाटकर द्वारा भी दल के सदस्यों से अनावश्यक सवाल-जवाब किये गये। स्थानीय पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद इस दल को करीब एक घंटे बाद छोड़ा गया। पुलिस द्वारा उक्त घटना पर चौकी निसरपुर में धारा 365, 342, 353 एवं 34 भारतीय दण्ड विधान के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।

इन घटनाओं से यह प्रतीत होता है कि नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता अब अराजकता का माहौल बनाने में जुट गये हैं। उनके शीर्ष नेतृत्व द्वारा भी उनके अराजक कृत्यों को प्रक्षय दिया जा रहा है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश