Posted on 16 Jul, 2018 6:25 pm

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के ''नर्मदा-मालवा लिंक संकल्प'' के महत्वपूर्ण चरण के रूप में नर्मदा-पार्वती लिंक परियोजना का निर्माण शुरू हो रहा है। मुख्यमंत्री सीहोर जिले की इस महत्वाकांक्षी माइक्रो सिंचाई योजना का भूमि-पूजन 17 जुलाई को दोपहर 12 बजे तहसील मुख्यालय आष्टा में वृहद किसान समागम में करेंगे।

प्रदेश में वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री ने मालवांचल की गम्भीर होती जल समस्या के स्थायी समाधान के लिये नर्मदा जल को मालवांचल की क्षिप्रा, गम्भीर, पार्वती और कालीसिंध नदी कछारों में प्रवाहित करने का संकल्प लिया था। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण मुख्यमंत्री के नर्मदा-मालवा लिंक के इस अभियान को चरणबद्ध रूप से पूरा कर रहा है। नर्मदा-क्षिप्रा-सिंहस्थ लिंक योजना की सफलता राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुई। नर्मदा मालवा गम्भीर लिंक परियोजना तेजी से पूर्णता की ओर अग्रसर है। अब इस अभियान के अगले चरण के रूप में नर्मदा पार्वती लिंक परियोजना प्रथम और दूसरे चरण का निर्माण शुरू किया जा रहा है।

परियोजना के प्रथम और द्वितीय चरण में इंदिरा सागर जलाशय से 32.04 क्यूमेक्स जल लगभग 295 मीटर ऊँचाई तक उदवहन किया जायेगा। प्रथम पम्पिंग स्टेशन का निर्माण ग्राम धरमपुरी तहसील कन्नौद के पास होगा। इस पम्पिंग स्टेशन से जल अन्य तीन स्थान पर निर्मित पम्पिंग स्टेशनों से ग्राम सिंगारचोली तहसील आष्टा में निर्मित जंक्शन स्ट्रक्चर में डाला जायेगा। इस स्थान से जल खेतों तक पहुँचेगा। योजना से सीहोर जिले की आष्टा, जावर तथा इछावर तहसील के 187 गाँवों का एक लाख हेक्टेयर रकबा सिंचित होगा। जल उदवहन पर अनुमानित 144 मेगावाट बिजली खपत होगी। नर्मदा-पार्वती लिंक प्रथम एवं द्वितीय चरण की अनुमानित लागत 3 हजार 415 करोड 30 लाख रूपये है।

इस योजना की विशेषता यह है कि किसानों को प्रत्येक ढाई हेक्टेयर चक तक पाईप लाईन द्वारा 20 मीटर दाबयुक्त जल उपलब्ध होगा। इससे किसान माइक्रो सिंचाई का लाभ ले सकेंगे। योजना से सीहोर जिले के उन गाँवों/खेतों को सिंचाई का लाभ मिलने लगेगा, जो भौगोलिक रूप से ऊँचाई पर बसे होने से नहर सिंचाई से वंचित हैं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग छत्तीसगढ़