Posted on 16 Dec, 2016 5:16 pm

भोपाल : शुक्रवार, दिसम्बर 16, 2016, 16:45 IST
 

प्रदेश में नर्मदा नदी के संरक्षण एवं प्रदूषण मुक्त करने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से नर्मदा नदी के मध्य को केन्द्र बिंदु मानकर दोनों तटों पर एक- एक किलोमीटर की पट्टी तक निजी भूमि में फल- पौध रोपण की योजना लागू की गई है। इस योजना का क्रियान्वयन प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के माध्यम से किया जायेगा । किसानों की निजी भूमि पर फल- पौध रोपण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से योजना के तहत एकीकृत उद्यानिकी विकास मिशन के दिशा- निर्देशों के अनुरूप कृषक द्वारा सामान्य, उच्च सघनता, अति उच्च सघनता में फल पौधरोपण करने पर निर्धारित इकाई लागत पर प्रति हेक्टर 40 प्रतिशत अनुदान देय होगा । 

निजी भूमि में फलोद्यान लगाने वाले सभी हितग्राहियों को फल पौधरोपण होने से 3 वर्षों तक ली जाने वाली परम्परागत फसलों के एवज में वित्तीय सहायता प्रतिवर्ष 20 हजार रूपये प्रति हेक्टर दी जायेगी । इस योजना को प्रदेश के कुल 16 जिलों में क्रियान्वित किया जायेगा। योजना में चयनित हितग्राही से निर्धारित प्रारूप में एक वचन पत्र भी लिया जायेगा। योजना का क्रियान्वयन पूर्णत: ऑनलाइन पद्धति से किया जायेगा। 

उक्त योजना का उद्देश्य नर्मदा नदी किनारे स्थित कृषि भूमि को अधिक उत्पादक एवं आर्थिक रूप से अधिक उपयोगी बनाने के लिए फल- पौध रोपण करना है। साथ ही फल- पौध रोपण द्वारा भूमि कटाव को रोककर भूमि संरक्षण करना, सघन फल पौध क्षेत्र में विस्तार एवं फलोत्पादन में वृद्धि करना, फलों से संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देना तथा रोजगार के नवीन अवसर बढ़ाना और प्रदूषक कीटनाशक रसायनों, खरपतवार एवं उर्वरक आदि का नदी के जल में प्रभाव को कम कर जल की गुणवत्ता में सुधार लाना है ।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश