Posted on 16 Dec, 2016 7:53 pm

भोपाल : शुक्रवार, दिसम्बर 16, 2016, 18:51 IST
 

'नमामि देवी नर्मदे''-सेवा यात्रा धार्मिक न होकर एक वैज्ञानिक अभियान है, जिसका उद्देश्य जीवन-दायिनी नर्मदा के जल को संरक्षित कर जल-संवर्धन करना, मिट्टी के कटाव को रोककर भूमि-क्षरण रोकना और जल की क्षमता एवं प्रवाह को बढ़ाना है। वन, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने यह बात आज होशंगाबाद में नर्मदा सेवा यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कही। बैठक में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा, उद्यानिकी और खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा, पूर्व विधायक श्री मधुकर राव हर्णे भी मौजूद थे।

डॉ. शेजवार ने बताया कि नर्मदा सेवा समिति का गठन सभी गाँव में किया जायेगा, जो धार्मिक पर्व एवं कार्यों में भी सहयोग करेगी। घाटों पर महिलाओं के लिये चेंजिंग-रूम बनेंगे और कचरे से बचाने के लिये कूड़ादान रखे जायेंगे। वन मंत्री ने कलेक्टर को नर्मदा किनारे के गाँव में शौचालय बनाना सुनिश्चित करने को कहा।

डॉ. शेजवार ने बताया कि यात्रा में एक दिन में 10 किलोमीटर तक पैदल यात्रा की जायेगी, जिसमें कोर-ग्रुप के 240 सदस्य हमेशा चलेंगे। अभियान को पूरे विश्व में सराहना मिल रही है। तिब्बत के धार्मिक नेता दलाई लामा, समाज-सेवी अन्ना हजारे, बौद्ध गुरु रिनपोचे, शंकराचार्य स्वामी अवधेशानंद आदि ने भी यात्रा में शामिल होने की बात कही है।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. शर्मा ने कहा कि सेवा यात्रा 144 दिन की है। यात्रा का उद्देश्य यदि सफल होता है, तो प्रदेश की तस्वीर ही बदल जायेगी। उन्होंने कहा कि पुरोहित, लोगों को अगर नर्मदा में पूजन सामग्री विसर्जित करने से रोकें, तो आधी नर्मदा वैसे ही प्रदूषण-मुक्त हो जायेगी। जिला संयोजक ने बताया कि वैज्ञानिकों का दल 21 दिसम्बर से नर्मदा क्षेत्र का लगातार दौरा कर रहा है। अब तक 1035 लोगों ने यात्रा के लिये पंजीयन करवाया है। पौधों की कार्य-योजना तैयार कर ली गयी है। सेवा यात्रा के लिये कंट्रोल-रूम भी बनाया गया है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश