Posted on 11 Dec, 2016 3:37 pm

भोपाल : रविवार, दिसम्बर 11, 2016, 14:54 IST
 

नर्मदा नदी संरक्षण के लिये अमरकंटक से 'नमामि देवी नर्मदे''-नर्मदा सेवा यात्रा आज से आरंभ हुई। यात्रा के दौरान 1,909 किलोमीटर की पदयात्रा और 1,435 किलामीटर की वाहन यात्रा होगी। नदी संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये एप्को भी ईको क्लब शिक्षकों को प्रशिक्षित कर रहा है, जो विद्यार्थियों के माध्यम से यात्रा के दौरान विभिन्न गतिविधियाँ करेंगे।दुनिया के इस सबसे बडे़ नदी संरक्षण अभियान में नदी के दोनों तट पर वृक्ष लगेंगे, नर्मदा को प्रदूषण से मुक्त करने समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित होगी।

पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में व्यापक जन-जागृति लाने के लिये केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर के दो कार्यक्रम राष्ट्रीय हरित-कोर योजना और राष्ट्रीय पर्यावरण जागरूकता अभियान एप्को के माध्यम से मध्यप्रदेश में संचालित किये जा रहे हैं। नर्मदा सेवा यात्रा के पहले राष्ट्रीय हरित-कोर योजना में ईको क्लब शिक्षकों को नर्मदा नदी का पर्यावरणीय महत्व, जन-सामान्य में जागरूकता लाने के माध्यम जैसे- रैली, नुक्कड़ नाटक, समूह चर्चा आदि, पॉलिथिन के दुष्प्रभाव, उद्योगों-कारखानों से निकलने वाले दूषित जल से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव, सड़नशील एवं पुनर्चक्रित किये जाने वाले कचरे का सही निष्पादन, स्थानीय क्षेत्र की साफ-सफाई एवं व्यक्तिगत स्वच्छता आदि पर जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, खण्डवा में एक-दिवसीय जिला-स्तरीय प्रशिक्षण दिया गया।

प्रशिक्षित शिक्षक अपने विद्यालय में ईको-क्लब छात्रों के माध्यम से नर्मदा यात्रा के दौरान विभिन्न गतिविधियाँ करेंगे। इनमें नर्मदा संरक्षण, प्रदूषण के प्रभाव, कचरा प्रबंधन पर स्लोगन लेखन, स्थानीय रहवासियों में नुक्कड़ नाटक, समूह चर्चा आदि द्वारा उद्योगों-कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित जल के कुप्रभाव के प्रति जागरूक करना, सड़नशील एवं पुनर्चक्रित किये जाने वाले कचरे के सही निष्पादन के बारे में लोगों को जागरूक करना शामिल है। इसके अलावा ये विद्यार्थी पर्यावरण संरक्षण की समझाइश देते हुए लोगों को कपड़े और कागज से बने हुए बैग का वितरण करेंगे। साथ ही नर्मदा संरक्षण, पर्यावरणीय उन्नयन और पॉलिथिन के बहिष्कार के लिये लोगों को शपथ दिलवायेंगे।

विद्यार्थी नर्मदा तट पर स्थित शहर-गाँव के लोगों के मध्य संरक्षण पर केन्द्रित समूह चर्चा करेंगे और जन-जागरूकता वाली तख्तियों के साथ रैली निकालेंगे। विद्यार्थी यात्रा के मार्ग में आने वाले मंदिरों के भक्तों को मंदिर परिसर की साफ-सफाई के प्रति जागरूक करने के साथ स्वच्छता अभियान, मानव श्रंखला, वाद-विवाद, पोस्टर-पेंटिंग आदि प्रतियोगिताओं का भी आयोजन करेंगे।

यात्रा के दौरान एप्को (पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन) द्वारा समुदाय स्वच्छता, श्रमदान एवं पौध-रोपण कार्यक्रम भी होंगे, जिसमें राष्ट्रीय पर्यावरण जागरूकता अभियान से जुड़ी संस्थाएँ भाग लेंगी। एप्को द्वारा 'नदी स्वच्छता कार्यक्रम'' में नदी संरक्षण का सांस्कृतिक महत्व, जलीय चट्टानों के पुनर्भरण में नदी का महत्व, नदी प्रदूषण एवं जल-गुणवत्ता, नदियों एवं जन-सामान्य का स्वास्थ्य, घाटों की सफाई एवं नदी के किनारों का विकास, स्थानीय वनस्पति एवं वृक्षारोपण द्वारा नदी के पुनर्जीवीकरण की गतिविधियाँ भी होंगी।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश