Posted on 16 May, 2018 4:33 pm

 

राज्य शासन ने तय किया है कि पिछड़े और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल दूर होने के कारण पढ़ाई नहीं छोड़नी पड़ेगी। ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए शासन द्वारा स्कूल आने-जाने की परिवहन व्यवस्था जाएगी। परिवहन की यह व्यवस्था कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए शैक्षणिक सत्र 2018-19 से प्रारंभ की जाएगी।

खरगोन जिले में झिरन्या जनपद के फलियों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल जाने-आने के लिए प्रायवेट स्कूल की तरह ही घर तक स्कूल बस आएगी और वापस समय पर घर भी पहुँचाएगी। यह जनपद दुर्गम और दूरस्थ पहाड़ियों वाला जनजातीय इलाका हैं, यहां के लोग फलियाओं में निवास करते है। यहाँ हर गाँव में एक घर से दूसरे घर की दूरी सामान्य रूप से 5 से 10 किमी तक होती है और स्कूल की दूरी 30-40 किमी तक है।

क्यों हुई परिवहन की आवश्यकता: 

शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर स्कूल छोड़ने वाले छात्र-छात्राओं का आंकलन किया जाता रहा है। आंकलन में यह तथ्य सामने आया कि जनपद में गांव के कक्षा 8वीं तक के बच्चे तो स्कूल आते हैं, लेकिन कक्षा 9वीं से 12वीं तक पढ़ाई करने वाले बच्चों का प्रतिशत बहुत कम रहा है। स्कूल दूर होना, दुर्गम पहाड़ियों तथा दूर-दूर फालियाओं में इन बच्चों का निवास करना इसका प्रमुख कारण होना है। शासन द्वारा पॉयलेट प्रोजेक्ट के आधार पर झिरन्या विकासखंड को चुना गया, जहाँ विद्यार्थियों के लिए परिवहन व्यवस्था कर स्कूल लाने और वापस घर तक छोड़ने का कार्य किया जाएगा। इस संबंध में लोक शिक्षण आयुक्त श्री नीरज दुबे ने विगत 7 अप्रैल को संबंधित जिला अधिकारियों को इन क्षेत्रों में हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल स्तर पर परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये हैं।

परिवहन व्यवस्था वाला क्षेत्र: 

जिला मुख्यालय से करीब 70 किमी की दूरी पर झिरन्या जनपद मुख्यालय स्थित है। इसकी आबादी मात्र 7416 है। जनपद की कुल जनसंख्या 2 लाख 20 हजार है। जनपद में कुल 129 गाँव और 76 पंचायतें हैं। झिरन्या जनपद में 9 हाईस्कूल और 6 हायर सेकेण्डरी स्कूल वर्तमान में संचालित हैं। हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल की गाँव से दूरी लगभग 15 से 25 कि.मी. है।

ऐसा होगा रूट प्लॉन: 

लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देशानुसार स्थानीय शिक्षा विभाग द्वारा हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल के लिए रूट प्लॉन तैयार किया गया है। इस संबंध में कलेक्टर ने परिवहन और शिक्षा विभाग से बात कर रूट प्लॉन तैयार किया है। सत्र 2018-19 के लिए झिरन्या जनपद में पॉयलेट प्रोजेक्ट के आधार पर परिवहन व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके लिए 13 रूट तैयार किए गए, जो 45 बसाहटों में रहने वाले विद्यार्थियों को स्कूल लाने-ले-जाने की सुविधा उपलब्ध कराएंगे। तेरह रूट पर विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर 42 और 52 सीटर बसें चलाई जाएंगी । 13 रूट पर बसाहटों में प्रतिदिन 225 किमी पर बसें मौजूद रहेंगी। प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार करीब 970 बच्चों की व्यवस्था की जाएगी। परिवहन व्यवस्था के लिए बुधवार 9 मई को भोपाल में प्रजन्टेशन किया गया, इसमें परिवहन व्यवस्था पर खर्च और रूट के बारे में विस्तार से चर्चा हुई।

शिक्षा विभाग द्वारा प्रारंभिक तौर पर 13 रूट पर बसें चलाई जाएँगी। इनमें कोठा बुजुर्ग से हेलापड़ावा 16 किमी., धुपी से पाड़ल्या 33 किमी., हरणकुंडिया से पाडल्या (दो) 27 किमी., पीडी जामली से कोटबैड़ा 17 किमी., मांझल से कोटबैड़ा से (दो) 18 किमी., मेंड़ागढ़ से चिरिया 13 किमी., भेंडिया से चिरिया (दो) 21 किमी., माटीकेरा से बड़ी 19 किमी., भड़लेन से शिवना 7 किमी., मोरवा से बोराड़िया 10 किमी., नहालदरी से झिरन्या 14 किमी., टिगरिया से झिरन्या (दो) 16 किमी. और अंबाडोचर से झिरन्या (तीन) 12 किमी. के रूट की बसें शामिल हैं।

सक्सेस स्टोरी (बड़वानी)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश