Posted on 01 Jan, 2018 4:32 pm

पशुपालन विभाग की आचार्य विद्यासागर योजना जैराम नगपुरे के लिए सुनहरे दिन लेकर आयी। इस योजना से उसकी आय में ईजाफा तो हुआ, साथ ही उसकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हो गई और जीवन स्तर भी सुधर गया।

बालाघाट जिले के लालबर्रा विकासखंड के ग्राम धपेरा (मोहगांव) निवासी जैराम नगपुरे पांच एकड़ में धान की खेती करता था। धान की खेती से इतनी आवक नहीं होती थी कि परिवार का बेहतर गुजारा हो सके। परिवार की अतिरिक्त आय के लिए जैराम दूध का धंधा भी करता था। उसके पास पहले मात्र 2 भैंस थी जिससे प्रतिदिन 18 लीटर दूध ही मिलता था। गाय-भैंस पालने के शौकीन जैराम को दो भैंसों के दूध से बहुत कम आय हो पाती थी।

लालबर्रा के पशु चिकित्सक डॉ. जी.एन. सिंह ने जैराम को आचार्य विद्यासागर योजना की जानकारी दी और बताया कि उसे उन्नत नस्ल की दुधारू पशु खरीदने के लिए बैंक से ऋण मिल जायेगा। इस योजना के तहत जैराम को सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया की मोहगांव शाखा से 5 लाख रुपये का ऋण मंजूर हो गया। ऋण की राशि से जैराम ने संकर नस्ल की 5 जर्सी गाय खरीदी। आज जैराम के यहां 75 से 80 लीटर दूध का प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है।

जैराम अपनी गायों का दूध गांव की ही दुग्ध सहकारी समिति को बेच देता है। उसे 18 से 20 हजार रुपये की मासिक आय हो जाती है। अब जैराम की आय पहले से दोगुना हो गई है। साथ ही, खेती के लिए गोबर की अच्छी खाद भी मिलने लगी है। आज जैराम अपने परिवार का गुजारा अच्छे से करने के साथ ही बैंक ऋण की किश्त भी खुशी-खुशी अदा करता है।

सफलता की कहानी (बालाघाट)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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