Posted on 01 Nov, 2016 7:43 pm

भोपाल : मंगलवार, नवम्बर 1, 2016, 18:34 IST
 

मध्यप्रदेश ने दुग्ध उत्पादन में आशातीत उन्नति करते हुए देश में 20वें स्थान से चौथे स्थान पर अपनी जगह बना ली है। अब शीर्ष स्थान पाने के लिए प्रयास जारी हैं जिसमें एक माह का 'गोकुल महोत्सव' मनाया जा रहा है। महोत्सव में हर गाँव में पशुपालकों और पशुओं के लिए शिविर लगाए जायेंगे। प्रदेश में 3 करोड़ 61 लाख से अधिक का पशुधन है। पशुपालन मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य ने यह बात खरगोन जिले के सनावद में गोवर्द्धन पूजा पर राज्य-स्तरीय गोकुल महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कही।

श्री आर्य ने कहा कि पशुपालकों को विभागीय योजनाओं का भरपूर लाभ उठाने में सहायता करने के लिये महोत्सव में ग्राम स्तर पर ही चिकित्सा, उपचार, बीमा आदि शिविर में ही उपलब्ध होंगे। श्री आर्य ने कहा कि प्रदेश को लगातार चौथी बार कृषि कर्मण पुरस्कार दिलाने में अपरोक्ष रूप से पशुधन का भी योगदान है। श्री आर्य ने कहा कि पशुपालन से प्रदेश के हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है।

गोपाल पुरस्कार प्रतियोगिता : श्री रतन सिंह को प्रथम पुरस्कार

श्री अंतर सिंह आर्य ने गोकुल महोत्सव में वर्ष 2015-16 में की गई पुरस्कार प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित भी किया। मांगलिया सांवेर के श्री रतन सिंह सोलंकी की साहीवाल नस्ल की गाय के 23.70 लीटर प्रतिदिन औसत दुग्ध उत्पादन के कारण पहले पुरस्कार के रूप में उन्हें दो लाख रुपये, प्रमाण-पत्र और ट्राफी दी गई। अलीराजपुर के श्री नरेन्द्र गुजराती को उनकी गिर नस्ल की गाय के औसतन 22.5 लीटर प्रतिदिन उत्पादन के लिए एक लाख रुपये और उज्जैन की श्रीमती कृष्णा बाई को गिर गाय के लिए तृतीय पुरस्कार के लिये 50 हजार रुपये और प्रमाण-पत्र दिया गया। सांत्वना पुरस्कार 7 गौ-पालकों को मिला।

जिला स्तर पर भी गौ-पालक पुरस्कृत

पशुपाल मंत्री ने समारोह में योजना के जिला स्तरीय विजेताओं को भी सम्मानित किया। खनगाँव बड़वाह निवासी श्री कोमल घीसाणी को उनकी गिर नस्ल की गाय के औसतन 15.68 लीटर प्रतिदिन उत्पादन के लिए 50 हजार रुपये का चेक, प्रमाण-पत्र एवं ट्राफी प्रदान की। खरगोन के देवेन्द सिंह को द्वितीय पुरस्कार स्वरूप 25 हजार और घरगाँव महेश्वर के श्री राजेन्द्र वेणीराम को 15 हजार का तृतीय पुरस्कार दिया गया। सात गौ-पालकों को 5-5 हजार रुपये के सांत्वना पुरस्कार दिए गए।

पशु चिकित्सा शिविर में 1833 पशुपालक पंजीकृत

महोत्सव के पशु चिकित्सा शिविर में 1833 पशुओं का पंजीयन कर 1554 पशुओं का उपचार, 22 का खुर ऑपरेशन, 49 का गर्भ परीक्षण, 115 का बधियाकरण, 141 का बाँझपन उपचार और 230 पशुओं का टीकाकरण किया गया।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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