Posted on 30 Dec, 2017 3:16 pm

प्रदेश में कुपोषित बच्चों की पहचान के लिये 18 दिसम्बर से 27 जनवरी, 2018 तक दस्तक अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में अब तक 2 लाख 46 हजार 741 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा महिला एवं बाल विकास की संयुक्त टीमें घर-घर जाकर कुपोषित बच्चों को ढूंढकर पास के विकासखण्ड या जिला-स्तरीय अस्पताल में नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था कर रही हैं। दो लाख 6 हजार 205 बच्चों को विटामिन-ए की खुराक दी गई है।

दस्तक अभियान की टीमों को प्रदेश में अब तक 992 अति कुपोषित बच्चे, अति कुपोषण और जटिल रोगों से ग्रसित 286 बच्चे, रक्ताल्पता 720, निमोनिया 187, डिहाइड्रेशन 342, अन्य बीमारियों से ग्रसित 2672 और जन्मजात बीमारियों से पीड़ित 422 बच्चे मिले हैं।

दस्तक अभियान का उद्देश्य गाँव-गाँव, घर-घर जाकर कुपोषित, अति कुपोषित, रक्ताल्पता और अन्य बीमारियों से ग्रसित बच्चों की पहचान करना और पास के अस्पताल में नि:शुल्क चिकित्सा व्यवस्था करवाना है। दस्तक टीमें दूरस्थ अंचलों के माता-पिता को बाल स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी कर रही हैं ताकि बच्चों का रोग रहित स्वस्थ विकास हो और बाल मृत्यु दर में कमी आये। कई बार देखने में आया है कि दूरस्थ अंचलों में जागरूकता के अभाव में माता-पिता बच्चे का उचित इलाज न करवाकर झाड़-फूंक में लगे रहते हैं, जिससे स्थिति काफी गंभीर हो जाती है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश