Posted on 15 May, 2018 4:20 pm

 

मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के तहत दंतेवाड़ा जिले में साल 2017-18 में 85 से ज्यादा शिविरों का आयोजन हुआ है। इसका सकारात्मक परिणाम यह रहा कि जिले में कुपोषण की दर में कमी आई है। साथ ही कुपोषण मुक्ति के लिए शुरू हुई दुमदुमा अभियान का भी फायदा मिल रहा है। यह कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास विभाग के एकीकृत परियोजना द्वारा संचालित किया जाता है। जिले में कुपोषण मुक्ति एवं रोकथाम के लिए संचालित इस योजना से बीते तीन सालों में कुपोषण की दर में कमी आई है। यह योजना विशेषकर दुर्गम व संवेदनशील इलाकों के बच्चों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद रही है। शिविरों के माध्यम से 2219 गंभीर कुपोषित बच्चों को दवाईयां उपलब्ध कराई गई। साथ ही 1532 बच्चों को जांच हेतु संदर्भित कर 535 बच्चों का पॅथोलॉजी जांच कराई गई। गंभीर कुपोषित बच्चों के भी स्वास्थ्य की जांच हुई। इसका बड़ा फायदा मिला है। इसके अलावा जिला खनिज न्यास निधि से शुरू हुए दुमदुमा दंतेवाड़ा अभियान से भी कुपोषण कमी आई है। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अजय शर्मा ने बताया इन दोनों योजनाओं से कुपोषण की दर में कमी लाने व कुपोषण रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं। गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों को हरी सब्जियां सहित पोषण आहार दिया जाता है। समय-समय पर स्वास्थ्य की जांच भी कराई जाती है।े विशेष अभियान एवं योजना के फलस्वरूप जिले में कुपोषण दर में अप्रैल 2018 तक 2.15 प्रतिशत कमी आई है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग छत्तीसगढ़