Posted on 11 Nov, 2016 4:27 pm

भोपाल : शुक्रवार, नवम्बर 11, 2016, 16:22 IST
 

उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने कहा है कि चिकित्सकीय ऐसा पेशा है जिसमें यहीं लोक और परलोक दोनों सुधारे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा ग्रहण करने के बाद जब युवा शपथ और संकल्प लेकर राष्ट्र के लिये समर्पित होता है उसे ही दीक्षा कहा जाता है। श्री पवैया आज एक निजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मेडिकल कॉलेज के छात्रों को सम्बोधित कर रहे थे।

मंत्री श्री पवैया ने कहा कि हम कितने भी बड़े बन जाये फिर भी यह न भूले कि इस राष्ट्र के खाद्य-पानी से पलकर बड़े हुए हैं। हर समय स्व-भाषा और स्वदेशियत का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि लोग यह समझते हैं कि अँग्रेजी मानसिकता बड़ा बनाती है लेकिन सच यह है कि हिन्दुस्तान आज भी विकसित राष्ट्र बनने के लिये प्रयास कर रहा है। इसके पीछे हमारा विदेशी मानसिकता से उबर नहीं पाना ही कारण रहा है।

श्री जयभान सिंह पवैया ने दीक्षांत समारोह में परम्परागत रूप से स्वयं गाउन नहीं पहनने का कारण बताते हुए कहाकि अँग्रेज गुलामी की निशानी छोड़ गये और हम उसे 70 साल से ढो रहे हैं। इससे छात्रों में राष्ट्र के प्रति अभिमान का भाव कम होता है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि अगले सत्र से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय में भारतीय वेशभूषा और हिन्दी भाषा में दीक्षांत समारोह हो।

मंत्री श्री पवैया ने गत दिनों प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बड़े नोट बंद किये जाने के फैसले में कहा कि इस समय देश का मिजाज बदल रहा है और एक फैसले ने आंतकवाद की आधी कमर तोड़ दी है, क्योंकि पाकिस्तान पोषित आंतकवाद नकली करेंसी के दम पर पैर फैला रहा था। देश के आम लोग थोड़े समय की कठिनाई के बाद भी इस क्रांतिकारी फैसले का स्वागत कर रहे हैं। उन्होंने उपाधि लेने वाले छात्रों से अपील की कि एक सप्ताह में कुछ घंटे उन गरीब मरीजों के लिये निकाले जो पैसे के अभाव में प्रायवेट नर्सिंग होम की सीढ़ी भी चढ़ने से घबराते हैं।

मंत्री श्री पवैया ने इस मौके पर उत्कृष्ट विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र दिये। कुलपति श्री वी.के. पण्डया ने विद्यार्थियों को हिप्पोक्रेटिक ओथ दिलवायी। निदेशक प्रशासन कैप्टन श्री अंबरीष शर्मा, योजना एवं विकास निदेशक कर्नल श्री अशोक खुराना और अधिष्ठाता श्री सतीश करंदिकर मौजूद थे। स्नातक छात्रा सुश्री सुप्रिया गुप्ता और शुभांगी गुप्ता ने भी अपने विचार रखें। अंत में छात्रा सुश्री पूजा खरे ने आभार माना और राष्ट्र-गान हुआ।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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