Posted on 30 Jul, 2016 5:21 pm

अब तक 23 जिले में मिले 188 प्रकरण 

भोपाल : शनिवार, जुलाई 30, 2016, 16:43 IST
 

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग प्रदेश में डेंगू बुखार पर नियंत्रण के लिये हरसंभव प्रयास कर रहा है। जनवरी से अब तक 23 जिले में 188 डेंगू प्रकरण मिले हैं, जिनमें जुलाई माह के 18 प्रकरण भी शामिल हैं। विभाग द्वारा डेंगू नियंत्रण के लिये सभी जिलों में सतत निगरानी रखी जा रही है। डेंगू से बचाव के लिये विभाग ग्राम-स्तर तक लोगों को बीमारी के विरुद्ध जागरूक कर रहा है।

सर्वाधिक 97 प्रकरण सीहोर जिले में मिले हैं। इसके अलावा भोपाल जिले में 20, इंदौर 19, जबलपुर 9, अनूपपुर 6, दमोह 5, सागर 4, रायसेन 3, कटनी 2 और शिवपुरी, खण्डवा, डिण्डोरी, मण्डला, छिन्दवाड़ा, हरदा, विदिशा, सिवनी, शहडोल, पन्ना, सिंगरौली और ग्वालियर में एक-एक प्रकरण मिला है। डेंगू से मात्र एक मृत्यु जिला रायसेन में मई माह में हुई है।

34 स्वास्‍थ्य संस्था में है डेंगू जाँच व्यवस्था

डेंगू जाँच व्यवस्था प्रदेश के 4 मेडिकल कॉलेज- ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर, भोपाल, 26 जिला चिकित्सालय- खण्डवा, बैतूल, सागर, गुना, शिवपुरी, सिवनी, उमरिया, रतलाम, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, मंदसौर, कटनी, छतरपुर, हरदा, खरगोन, मुरैना, नीमच, रायसेन, राजगढ़, शहडोल, छिन्दवाड़ा, सतना, उज्जैन, विदिशा एवं जे.पी. अस्पताल भोपाल में है। इसके अलावा एम्स भोपाल, बीएमएचआरसी भोपाल, आरएमआरसीटी जबलपुर और जिला मलेरिया कार्यालय भोपाल में भी डेंगू जाँच की व्यवस्था है।

5 प्रतिशत डेंगू मामले होते हैं गंभीर

डेंगू बुखार डेन वायरस से होने वाली बीमारी है। इसका कोई विशेष उपचार उपलब्ध नहीं है। इसमें लक्षण के आधार पर उपचार किया जाता है। डेंगू के 95 प्रतिशत मामले सामान्य वायरल बुखार के होते हैं। केवल 5 प्रतिशत प्रकरण गंभीर श्रेणी के होते हैं। डेंगू से ग्रस्त होने पर मरीजों में प्लेटलेट संख्या की कमी होकर डेंगू हिमोरेजिक फीवर अथवा डेंगू शॉक सिण्ड्रोम होने से मरीज की मृत्यु की संभावना होती है। प्लेटलेट की संख्या 20 हजार से कम होने पर स्थिति गंभीर हो जाती है।

सभी जिलों में है ऑटोमेटिक प्लेटलेट सेल काउंटर मशीन

प्लेटलेट की गणना के लिये प्रदेश के सभी जिलों में ऑटोमेटिक प्लेटलेट सेल काउंटर मशीन उपलब्ध है। इसकी सहायता से रोग की गंभीरता का आकलन कर आवश्यक उपचार किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा जन-समुदाय को बचाव के उपाय बताये जा रहे हैं। जिलों को डेंगू नियंत्रण के लिये लार्वा-नाशक टेमोफॉस और कीटनाशक पायेरेथ्रम पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाया गया है। मैक एलाईजा किट राष्ट्रीय विषाणु संस्थान, पुणे से भारत सरकार द्वारा पर्याप्त मात्रा में दी गयी है।

लार्वा नष्ट करने का चल रहा है अभियान

सभी जिलों में लार्वा नष्ट करने का अभियान चल रहा है। डेंगू का प्रकरण प्रकाश में आते ही तत्काल संबंधित गाँव और आसपास के क्षेत्र में मच्छरों को नष्ट करने के लिये पायेरेथ्रम का स्प्रे और लार्वा नष्ट करने की कार्यवाही की जा रही है। डेंगू का एडीज मच्छर साफ पानी में भी मिलता है, इसलिये शहरी क्षेत्रों के घरों में पानी से भरे कंटेनर, ड्रम, बैरल, सीमेंट की टंकियाँ, कूलर, टायर आदि की जाँच की जा रही है। गाँव में भी घरों के अंदर पानी के कंटेनर आदि की लार्वा जाँच की जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्री की अपील

स्वास्थ्य मंत्री श्री रुस्तम सिंह ने लोगों से अपील की है कि डेंगू का मच्छर अधिकतर दिन में काटता है, इसलिये पूरी बाहों के वस्त्र पहने, खासतौर से बच्चों को पूरे ढके हुए वस्त्र पहनाये। श्री सिंह ने कहा डेंगू के लार्वा साफ पानी में पाये जाते हैं, इसलिये कूलर, पानी में लगने वाले पौधे आदि पर नजर रखें, लार्वा न पनपने दें। श्री सिंह ने कहा कि कूलर आदि के पानी में एक चम्मच खाने का तेल डाल दें, जिससे परत बनने पर मच्छर नहीं पनपते हैं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश