Posted on 19 Dec, 2018 1:08 pm

शासकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय, भोपाल की जरारोग इकाई द्वारा डिमेंशिया मानसिक समस्याओं के निदान के लिये अभियान चलाया जा रहा है। डिमेंशिया के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पताल में डिमेंशिया क्लीनिक की भी स्थापना की गई है। डिमेंशिया (मनोभ्रंश) रोग की जानकारी, रोकथाम एवं उपचार के इच्छुक लोग चिकित्सालय की जरारोग इकाई में अपना पंजीयन करवा सकते हैं।

एमएसीटी हिल्स, भोपाल स्थित आयुष परिसर में जरारोग इकाई की तीन ओपीडी और पेरीफेरल दो ओपीडी संचालित की जा रही हैं। पेरीफेरल ओपीडी अम्बेडकर नगर और गौतम नगर में स्थित हैं। मनोभ्रंश या डिमेंशिया व्यक्ति की सोच-विचार, आचरण और दैनिक कार्यों को करने की क्षमता को प्रभावित करता है। अधिकांश डिमेंशिया रोगी अल्झाइमर रोग से ग्रसित होते हैं। जरारोग इकाई का उद्देश्य 55 वर्ष की आयु से अधिक लोगों का शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण कर चिकित्सकीय परामर्श देना है।

डिमेंशियाग्रस्त व्यक्ति के लक्षणों में स्मरण शक्ति का धीरे-धीरे ह्रास होना, व्याकुलता, व्यक्तित्व में बदलाव, उदासीनता, दैनिक कार्यों को करने की क्षमता में कमी और विचारों की अभिव्यक्ति में असहज होना शामिल है। चिकित्सालय की डॉ. सुनीता तोमर कहती हैं कि रोग के निदान के लिये सम्पूर्ण चिकित्सकीय एवं मनोवैज्ञानिक जाँच से इलाज संभव है

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​​