Posted on 06 Oct, 2016 8:22 pm

भोपाल : गुरूवार, अक्टूबर 6, 2016, 15:29 IST
 

गृह एवं परिवहन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि डायल -100 सेवा से प्रदेश की जनता का पुलिस पर विश्वास बढ़ा है। विदेशों में तत्काल सहायता देने जैसी सेवा अपने प्रदेश में डायल-100 दे रही हैं। गृह मंत्री श्री सिंह ने डायल -100  के राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम से 45 वाहन को झण्डी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने इस मौके पर राज्य-स्तरीय कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया और सेवा की विस्तृत जानकारी भी ली।  

श्री सिंह ने कहा कि डायल -100 से कई बच्चियों और महिलाओं को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाकर पुलिस ने संवेदनशीलता का परिचय देकर उनकी जान बचाई। किसी भी आपात-स्थिति में पुलिस सहायता के लिए डायल-100  ने कम से कम समय में पहुँचकर सेवाएँ दी हैं। इससे सामान्य जन और जन-प्रतिनिधियों से भी इस बात की शिकायत नहीं मिलती कि पुलिस घटना या दुर्घटना की सूचना के बाद मौके पर देर से पहुँची। उन्होंने कहा कि डायल-100  का काम सराहनीय है। श्री सिंह ने कहा कि इससे सिस्टम को गति मिली है और पुलिस के चौकस रवैये से अपराधों में कमी आई है।

गृह मंत्री श्री सिंह ने कहा कि डायल -100 एडवांस सिस्टम पर काम कर रही है। उसे और अधिक अत्याधुनिक बनाने में सरकार पूर्ण मदद करेगी । संसाधनों में कमी नहीं आने दी जाएगी। जरूरी संसाधन उपलब्ध करवाए जाएँगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डायल - 100  की सेवा शुरू कर राज्य सरकार ने देश में अग्रणी स्थान बनाया है।

पुलिस महानिदेशक श्री ऋषि शुक्ला ने कहा कि डायल - 100 विश्व में सबसे बड़ी और देश की पहली अनूठी योजना है। डायल - 100  ने अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। इस सेवा को एक नवम्बर को एक साल पूरा हो जाएगा।  आज के लोकार्पण के बाद 960 वाहन उपलब्ध हो जाएँगे और प्रयास है कि माह के अंत तक 1000 वाहन प्रदेश में सेवाएँ देने लगें।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दूरसंचार)श्री अन्वेष मंगलम ने डायल- 100 सेवा के बारे में बताया। उन्होंने कंट्रोल रूम में सूचना प्राप्त होने से लेकर वाहन पहुँचाने , घटना स्थल पर की गई कार्यवाही और फीड बैक आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

पुलिस अधीक्षक डायल-100 श्री अमित सक्सेना ने डायल -100 पर प्रेजेन्टेशन दिया। उन्होंने बताया कि 20 से 25 हजार कॉल प्रतिदिन आते हैं। देश में आधे से ज्यादा राज्यों के पुलिस अधिकारी प्रदेश की डायल -100 सेवा को अपनाने के लिए जानकारी प्राप्त कर चुके हैं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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