Posted on 04 Jan, 2019 9:50 pm

 

पशुपालन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य-विकास मंत्री श्री लाखन सिंह यादव ने विभागीय समीक्षा में कहा कि अधिकारी केवल टेबल वर्क और आँकड़े नहीं, धरातल पर काम करके दिखायें। श्री यादव ने आज मंत्रालय में कार्यभार ग्रहण करने के बाद पशुपालन और मत्स्य महासंघ की गतिविधियों की समीक्षा की।

मंत्री श्री यादव ने कहा कि पशुपालन और मत्स्य-विकास विभाग संबंधी वचन-पत्र में शामिल विषयों पर बिन्दुवार अमल करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि सड़कों पर निराश्रित गौ वंश नहीं दिखे, इसके लिये वचन-पत्र में गौ-शाला बनाने का प्रावधान है। गौ-शालाओं के लिये भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि पंचायतों में गौ-शाला शुरू करने के लिये इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता से किया जाये।

मंत्री श्री यादव ने पशु चिकित्सालयों में पशुपालकों को बेहतर सेवाएँ उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में भ्रमण के दौरान उन्हें शिकायतें प्राप्त हुई हैं और कई जगह पशु चिकित्सालयों में चिकित्सकों की गैर-हाजिरी जैसे मुद्दे सामने आये हैं। उन्होंने संचालक पशु चिकित्सा को निर्देश दिये कि सभी पशु चिकित्सालय का निर्धारित अवधि में खुले रहना और उनमें पदस्थ चिकित्सक एवं स्टॉफ की मौजूदगी सुनिश्चित की जाये। पशुओं का उपचार सुनिश्चित हो। मंत्री श्री यादव ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में सुस्ती और लापरवाही नहीं होना चाहिए।

अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने पशुपालन विभाग की गौ-शाला, गौ-अभयारण्य, विद्यासागर गौ-संवर्धन, नंदी-शाला, समुन्नत पशु प्रजनन कार्यक्रम और मत्स्य-पालन प्रोत्साहन योजना सहित अन्य योजनाओं का प्रेजेंटेशन दिया। दुग्ध संघ द्वारा भी प्रेजेंटेशन दिया गया।

मंत्री श्री यादव आज मत्स्य महासंघ कार्यालय भी पहुँचे। उन्होंने महासंघ में विभागीय समीक्षा बैठक की और परिसर में स्थित हैचरी का निरीक्षण किया। मंत्री श्री यादव ने कहा कि मत्स्य-विकास के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएँ मौजूद हैं। इन्हें मूर्त रूप में परिणित करने का कार्य करें। प्रमुख सचिव मत्स्य-विकास श्री अश्विनी राय ने विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रजेंटेशन दिया।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​