Posted on 16 Mar, 2018 3:46 pm

सिवनी जिले के ग्राम बाकी के गिट्टी क्रशर पर कार्यरत श्रमिक शंकर के छ: वर्षीय बेटे अभय को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में हृदय की शल्य चिकित्सा से नया जीवन मिला है। अभय के माता-पिता इस गम्भीर बीमारी से अनजान थे, इसलिये बच्चे का उसका इलाज झाड़-फूंक और झोलाझाप डाक्टर से करवा रहे थे। इससे उसका स्वास्थ्य दिनों-दिन खराब होता जा रहा था।

माता-पिता को अभय के हृदय रोग की पुख्ता जानकारी तब लगी, जब उसके स्कूल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य टीम बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए पहुँची। स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान चिकित्सों ने अभय के दिल की धड़कन असमान्य पाते ही माता-पिता को स्कूल बुलवाया और जिला चिकित्सालय में होने वाले बाल हृदय रोग शिविर में नि:शुल्क इको कार्डियोग्राम करवाने की सलाह दी। जाँच के बाद हृदय रोग विशेषज्ञों ने शंकर को उसके बच्चे अभय का हार्ट ऑपरेशन करवाने की सलाह दी। ऑपरेशन का नाम सुनकर मासूम अभय के माता-पिता घबरा गए और उन्होंने इसके लिए साफ इन्कार कर दिया। वे गाँव के ही झोलाछाप डाक्टर और झाड़-फूंक से इलाज करवाते रहे जिससे बच्चे की हालत और बिगड़ गई।

चिकित्सों की टीम लगातार नन्हें अभय के माता-पिता के सम्पर्क में रही, उन्हें आपरेशन करवाने के लिये समझाती रही। जैसे ही शंकर ने हामी भरी, नन्हें अभय को तत्काल जिला चिकित्सालय से सम्पर्क कर नागपुर में ऑपरेशन के लिए ले जाया गया। ऑपरेशन के दौरान खर्च हुए 2 लाख 10 हजार रुपये की राशि मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना से खर्च की गई। आज अभय बिल्कुल स्वस्थ्य है। सामान्य बच्चों की तरह स्कूल जाने लगा है। उसके माता-पिता सरकार और चिकित्सकों की टीम को भरपूर दुआएँ दे रहे हैं।

हृदय रोग पीड़ित बच्चों को चिन्हित करने चल रहा अभियान : नर्मदापुरम संभाग में हृदय में छेद और अन्य हृदय रोगों से पीड़ित बच्चों को अभियान चलाकर चिन्हित किया जा रहा है। चिन्हित बच्चों की मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना में नि:शुल्क शल्य चिकित्सा और उपचार किया जा रहा है। इटारसी का दो वर्षीय बच्चा है युवराज मेहतो। इसके दिल में छेद होने के कारण स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इसे चिन्हित किया। भोपाल के रेड्रक्रास अस्पताल में मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना में चार माह पूर्व 60 हजार रुपये खर्च कर युवराज का सफल ऑपरेशन हुआ है। डाक्टर कहते हैं कि युवराज 90 प्रतिशत ठीक हो चुका है। अगले दो-तीन माह में पूरी तरह स्वस्थ हो जायेगा।युवराज का नियमित चेकअप चल रहा है। वह सामान्य बच्चों की तरह गतिविधियाँ धीरे-धीरे शुरू कर रहा है।

 सक्सेस स्टोरी (सिवनी, होशंगाबाद)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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