Posted on 15 Mar, 2018 2:25 pm

 

झाबुआ जिले के रामा ब्लाक के ग्राम पारा की संगीता डामोर ने मध्यप्रदेश शासन की स्वरोजगार ऋण योजना का लाभ लेकर स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ किया। आज संगीता ने अपनी पहचान बैंक प्रतिनिधि के रूप में स्थापित कर ली है। बी.ए. स्नातक संगीता ने आरसेटी स्वरोजगार संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। अब अपने क्षेत्र में बैंक अधिकारी के रूप में कार्य करती हैं।

ग्रामीणों के बैंक संबंधी छोटे-छोटे लेन-देन का काम अब संगीता ही करती हैं। लेन-देन पर बैंक की तरफ से संगीता को कमीशन मिल जाता है और ग्रामीणों को घर बैठे बैंक की सुविधा। संगीता पहले बेरोजगार थी। गेस्ट शिक्षक के रूप में शासकीय नौकरी भी की लेकिन इतनी आय नहीं हो पाती थी, कि परिवार का भरण-पोषण भी अच्छे से होता। कभी-कभी तो बच्चों के स्कूल की फीस भरने का भी संकट पैदा हो जाता था।

आरसेटी स्वरोजगार संस्थान के माध्यम से संगीता का चयन बैंक सखी के रूप में हुआ। बैंक सखी का काम आगे बढ़ाने के लिये बैंक से एक लाख रूपये का लोन मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में मिला। लोन की राशि से लेपटॉप लिया, इटरनेट कनेक्शन लगवाया और कियोस्क सेन्टर चलाने के लिये आवश्यक उपकरण खरीदे। कार्य प्रारंभ करने के लिए आरसेटी संस्थान, बैंक ऑफ बड़ौदा से प्रशिक्षण प्राप्त किया। संगीता बताती है कि उसने कभी यह सोचा भी नही था कि बैंक सखी के रूप में काम करने पर उसे इतना सम्मान मिलेगा और पैसा भी।

बैंक सखी बनने के बाद संगीता डामोर में आत्म-विश्वास बढ़ा है। इसी आत्म-विश्वास के साथ बैंक का काम कर रही है। इस कार्य से गांव में ही रहकर 10-12 हजार रूपये प्रति माह आय अर्जित हो जाती है, जिससे परिवार का भरण-पोषण बहुत अच्छे से हो रहा है।

 

 

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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