Posted on 07 Apr, 2018 4:09 pm

 

लिंगानुपात सुधारने के मामले में झाबुआ जिले ने अनुकरणीय मिसाल पेश की है। जिले के लगभग दो-तिहाई गाँवों में दो वर्षों में 5 साल तक के बच्चों में बेटियों की संख्या बेटों के मुकाबले अधिक मिली है। जिले की कुल 375 ग्राम पंचायतों में से 227 में लड़कियाँ, लड़कों की तुलना में अधिक हैं। सभी 227 पंचायतों को शासन द्वारा एक-एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा। पुरस्कार राशि का उपयोग बेटियों की बेहतरी के लिये किया जायेगा।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पुरस्कार की यह योजना शुरू की थी। इसमें जिन ग्राम पंचायतों में 5 साल तक की बेटियों की संख्या बेटों के मुकाबले अधिक होगी, उन्हें सम्मान स्वरूप एक-एक लाख रुपये की राशि पुरस्कार में दी जायेगी। जिला प्रशासन ने वर्ष 2016 और 2017 में एक से 31 जनवरी के बीच 5 साल तक के बच्चों की जानकारी जुटाई, जिसमें यह सुखद परिणाम मिले।

कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना का कहना है कि लिंगानुपात बढ़ाने में झाबुआ की आदिवासी परम्परा का भी योगदान है। यहां समाज में बेटे-बेटी में अंतर नहीं किया जाता। कन्या भ्रूण हत्या के मामले सुनने में नहीं आते। वधु मूल्य लेने की परम्परा है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

Recent