Posted on 17 Sep, 2016 9:29 pm

भोपाल : शनिवार, सितम्बर 17, 2016, 17:59 IST
 

सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विश्वास सारंग ने कहा है कि प्रदेश की घाटे में चल रही बैंकों सहित सभी जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों में अपेक्स बैंक के अधिकारियों को पालक अधिकारी बनाया जायेगा। इसके जरिये बैंकों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने की योजनाएँ लागू की जायेंगी। श्री सारंग ने बताया कि मंथन की सिफारिशों के आधार पर सहकारी क्षेत्र में समग्रता के साथ किसान, गरीब और रोजगार के लिये पूरी दृढ़ इच्छा-शक्ति के साथ काम किया जायेगा। दो-दिवसीय मंथन के समापन पर श्री सारंग ने कहा कि पैक्स की दुकानों को बहुउद्देश्यीय बनाते हुए सहकारी संस्थाओं के उत्पाद के साथ पतंजलि के लोकप्रिय उत्पादों को बेचा जायेगा। इस मौके पर प्रमुख सचिव सहकारिता श्री अजीत केसरी, आयुक्त सहकारिता श्री मनीष श्रीवास्तव और प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक श्री प्रदीप नीखरा उपस्थित थे।

सहकारिता राज्य मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा कि अब समय आ गया है, जब सहकारिता गाँव, गरीब, किसान के साथ पूरे प्रदेश के विकास में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि किसान गरीब और पैक्स सोसायटी को केन्द्र में रखकर सहकारिता से हर व्यक्ति को जोड़ने की योजना बनायी जायेगी। उन्होंने कहा कि पैक्स सोसायटी से अभी तक सिर्फ उचित मूल्य पर खाद्यान्न का विक्रय किया जाता था। अब वहाँ लघु-वनोपज, दुग्ध संघ के साथ ही पतंजलि के उत्पादों जैसे साबुन, तेल सहित अन्य वस्तुएँ विक्रय के लिये रखी जायेंगी, जो लोगों की डिमांड में शामिल हैं। श्री सारंग ने कहा कि जिस तरह उचित मूल्य की दुकान है, उसी तरह उचित मूल्य पर बिल्डिंग मटेरियल की संस्थाएँ भी खोली जायेंगी। इससे एक ओर हमारे युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा, वहीं आम उपभोक्ता को शुद्ध और सही कीमत पर निर्माण सामग्री मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता का क्षेत्र विशाल और अपार संभावनाएँ लिए हुए हैं। इस क्षेत्र में सही दिशा और दृष्टि के साथ काम करने की जरूरत है।

श्री सारंग ने कहा कि सहकारिता में काम हो और निगरानी भी रहे, इसके लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 'सहकारी लोकपाल'' में गठन की घोषणा कर पूरे देश में पहली बार एक अभिनव पहल की है। उन्होंने कहा कि पैक्स (ग्रामीण साख सहकारी समिति) का कम्प्यूटराइजेशन करने और इसे पूरी धनराशि उपलब्ध करवाने की घोषणा से तय हो गया है कि सहकारिता क्षेत्र की तस्वीर अब उज्जवल है और प्रदेश के विकास में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है।

मंथन की अनुशंसा के क्रियान्वयन का केलेण्डर

राज्य मंत्री श्री सारंग ने बताया कि दो दिन चले सहकारी मंथन में 9 समूह में 200 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें कौशल उन्नयन प्रशिक्षण, घाटे में चल रहे बैंकों को उबारने की रणनीति, उनके पालक अधिकारी की नियुक्ति जैसे अन्य कई महत्वपूर्ण विषयों पर विमर्श हुआ। उन्होंने बताया कि इन सभी बिन्दुओं को समाहित कर अगले तीन दिन में प्रतिवेदन तैयार किया जायेगा। इसके आधार पर कार्य-योजना बनाकर एक हफ्ते में इसे मुख्यमंत्री को सौंपा जायेगा। कार्य-योजना पर होने वाले काम की प्रगति का मूल्यांकन तीन माह बाद किया जायेगा। इसकी उपलब्धियों को लेकर अगले छ: माह में एक बार फिर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में मंथन होगा।

दो-दिवसीय मंथन में 9 समूह द्वारा बैंकों को अन्य प्रतिस्पर्धी बैंकों के समकक्ष रखने की कार्य-योजना, सहकारी बैंकों के समक्ष चुनौतियाँ एवं उन्नयन, सहकारी साख संरचनाओं में संभावित वित्तीय अनियमितताएँ, कारण एवं निवारण के उपाय, सहकारी बैंकों में नवीन कार्य-संस्कृति एवं मानव संसाधन विकास, पैक्स को बहु-उद्देश्यीय सेवा प्रदाता के रूप में विकसित करना, सहकारिता में नवाचार, सहकारी मूल्यों एवं सहकारी संस्थाओं के विकास में शीर्ष सहकारी संस्थाओं की भूमिका, सहकारिता के सुदृढ़ीकरण के लिये कार्य-योजना और सहकारिता के माध्यम से कौशल उन्नयन एवं रोजगार सृजन जैसे विषय पर विमर्श हुआ। इसके बाद सभी समूह ने अपने विषय से संबंधित बिन्दुओं को पॉवर प्वाइंट के जरिये प्रस्तुत किया। इस पर सभी समूह के बीच विमर्श हुआ और इसे अंतिम रूप दिया गया।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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