जलवायु परिवर्तन पर पीएचडी करने वालों को मिलेगी शोधवृत्ति
Posted on 18 Nov, 2016 6:35 pm
भोपाल : शुक्रवार, नवम्बर 18, 2016, 17:52 IST | |
मध्यप्रदेश पर केन्द्रित जलवायु परिवर्तन पर पीएचडी करने वाले 5 शोधार्थी को राज्य शासन ने छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया है। छात्रवृत्ति के लिये मार्गदर्शिका यूजीसी एवं सीएसआईआर के अनुसार तैयार की गयी है। चयनित शोधार्थी को उनकी संस्था के जरिये 24 माह तक 25 हजार रुपये प्रतिमाह की शोधवृत्ति और 50 हजार रुपये सालाना की राशि आकस्मिक व्यय के लिये दी जायेगी। आवश्यकतानुसार शोधवृत्ति की अवधि 6 माह तक बढ़ाई जा सकेगी। फिलहाल हर साल 5 शोधवृत्ति देने की योजना है। इसके लिये प्रतिवर्ष रुपये 20 लाख का प्रावधान किया गया है। यह निर्णय प्रमुख सचिव पर्यावरण एवं महानिदेशक एप्को श्री मलय श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। एप्को के कार्यपालन संचालक श्री अनुपम राजन ने बताया कि शोध कार्यों एवं अनुसंधान से प्राप्त निष्कर्ष, जलवायु परिवर्तन से संबंधित नीति एवं योजना बनाने में सहायक होंगे। इस तरह की शोधवृत्ति योजना स्थापित करने वाला मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है। एप्को उच्च गुणवत्ता के शोध कार्य को प्रोत्साहन देने के लिये मध्यप्रदेश में स्थापित राष्ट्रीय एवं राज्य-स्तरीय प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों जैसे भोपाल के भारतीय वन प्रबंधन संस्थान , योजना एवं वास्तुकला विद्यालय (SPA), मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MANIT) जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (JNKVV) जबलपुर, आईआईटी एवं आईआईएम इंदौर, आईआईआईटीएम ग्वालियर और विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा नामांकित अभ्यर्थियों को जलवायु परिवर्तन विषय पर शोध के लिये शोधवृत्ति दी जायेगी। श्री राजन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का क्षेत्र नया एवं ज्वलंत है। इसमें शोध करने की व्यापक संभावनाएँ एवं आवश्यकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए एप्को ने पीएचडी के बहु-विषयक एवं बहु-अनुशासनिक शोधार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिये शोधवृत्ति प्रदान करने का निर्णय लिया है। एप्को मध्यप्रदेश शासन की विशिष्ट संस्था है, जो राज्य शासन को पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर परामर्श देने के साथ शोध अध्ययन योजना कार्य, प्रशिक्षण और क्षमता विकास कार्य करता है। एप्को में राज्य जलवायु परिवर्तन ज्ञान प्रबंधन केन्द्र भी स्थापित है। |
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश