Posted on 16 Jul, 2021 3:36 pm

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने कहा कि ग्रामों मे ठोस, तरल एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन में जन-समुदाय की भागीदारी होना जरूरी है। जन-समुदाय के सहयोग से अपशिष्ट प्रबंधन की बेहतर रणनीति तैयार कर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये। मंत्री श्री सिसोदिया आज मंत्रालय में राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन की साधारण सभा की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री उमाकांत उमराव, राज्य कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती निधि निवेदिता सहित साधारण सभा के अन्य सदस्य मौजूद थे।

मंत्री श्री सिसौदिया ने कहा कि डोर-टू-डोर एकत्रित किये गये कचरे को नियत स्थान पर लाकर उसे कम समय में विघटित करने की कार्ययोजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि सीएसआर एवं अन्य मदों के फण्ड का उपयोग कर अपशिष्ट प्रबंधन के लिए बेहतर कार्य-योजना तैयार करें। उन्होंने कबाड़ी एवं सार्थक जैसी अन्य संस्थाओं को शामिल कर डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अपशिष्ट प्रबंधन में आने वाली विभिन्न चुनौतियों का हर हाल में निराकरण करने की कोशिश करें। उन्होंने क्षेत्र की परिस्थितियों के अनुसार स्थानीय स्तर पर ही अपशिष्ट प्रबंधन के प्रयास करने के निर्देश दिए।

मंत्री श्री सिसौदिया ने गोबरधन योजना के क्रियान्वयन की रणनीति की समीक्षा करते हुए कहा कि जिलों में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक बायोगैस इकाइयों को निर्मित किये जाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करें। उन्होंने कहा कि ग्रामों में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार चरणबद्ध रूप से अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य करें। उन्होंने कहा कि बिजनेस मॉडल का विकास कर अजैविक अपशिष्ट के विक्रय के माध्यम से हितग्राहियों को लाभान्वित करें।

बैठक मे बताया गया कि इस वर्ष 22 हजार 63 ग्रामों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 2992 सामुदायिक और 2648 व्यक्तिगत कम्पोस्टिंग के कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। इसी तरह 707 ग्रामों में घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश