जघन्य,सनसनीखेज अपराध प्रकरणों में लापरवाही नहीं हो
Posted on 04 Jun, 2016 8:46 pm
कलेक्टर श्री निशांत वरवड़े ने टी.टी.नगर मंदिर के पास आरोपी राजेन्द्र शर्मा द्वारा नाबालिग से किए गए जघन्य बलात्कार के प्रकरण में त्वरित कार्रवाई करते हुए न्यायालय से ऐसे अपराधी को अधिकतम सजा कैपिटल पनिशमेंट दिलाने की कार्रवाई के लिए कहा। ऐसे जघन्य अपराध करने का अपराधी दुस्साहस नहीं कर सकें यह सजा उनके लिए मिसाल बने और पुलिस तथा विधिक अधिकारियों द्वारा तत्परता से कार्रवाई करने का उदाहरण भी बनें। कलेक्टर श्री वरवड़े आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जघन्य एवं गंभीर अपराधों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में एस.पी.श्री अनिल माहेश्वरी, एडीएम श्रीमती दिशा प्रणय नागवंशी, डीडीपी श्री ए.के.सक्सेना और अन्य शासकीय अधिवक्ता मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर श्री वरवड़े ने कहा कि विवेचना में अपेक्षित समय में कार्रवाई नहीं करने वाले अधिकारियों से कारण पूछा जाये। उन्होंने अवधपुरी थाने के एक जघन्य अपराध प्रकरण में थाना प्रभारी श्रीमती शिखा सिंह द्वारा अभी तक चालान पेश नहीं करने पर कारण बताओ नोटिस देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि आरोपी प्रमोद शर्मा सीरियल रेपिस्ट है इसको जल्दी से जल्दी सजा दिलाना समाज हित में है। इसके पहले के दो अन्य केस भी शामिल कर इसके खिलाफ तीनों प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किए जायें ताकि अधिक से अधिक सजा दिलाई जा सके।
कलेक्टर श्री वरवड़े ने कहा कि जघन्य और सनसनीखेज अपराधों में चिन्हित होने के बावजूद जो पांच वर्ष पहले के हैं इनमें अब तक अपराधियों को सजा नहीं मिलना उचित नहीं है। ऐसे हर प्रकरण की प्रकरणवार समीक्षा कर जिम्मेदारी तय की जायेगी। कलेक्टर श्री वरवड़े ने विवेचना अधिकारी और नोडल अधिकारी के पेशी पर नहीं पहुंचने को भी गंभीरता से लिया और इस संबंध में पुलिस अधीक्षक को संबंधित विवेचना अधिकारी को पेशी पर हाजिर रहने के लिए निर्देशित करने को कहा। उन्होंने कहा कि जघन्य और सनसनीखेज गंभीर अपराध की श्रेणी में जिन प्रकरणों को रखा जाता है उनमें आरोपियों और अपराधियों को किसी तरह से भी राहत नहीं मिलना चाहिए।
बैठक में बताया गया कि कुल 110 चिन्हित प्रकरणों में से न्यायालय में 105 प्रकरण प्रस्तुत किए गए इनमें 62 प्रकरणों में न्यायालय द्वारा निर्णय लिया गया जिनमें से 47 प्रकरणों में आरोपियों को सजा दी गई। पांच प्रकरण विवेचना में लंबित हैं।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश