Posted on 07 Jun, 2016 6:12 pm

राज्यपाल श्री राम नरेश यादव ने आज राजभवन में बुंदेल केसरी छत्रसाल महाराज की जयंती पर बुंदेली समारोह में साहित्यकारों का सम्मान किया। राज्यपाल ने कहा कि महाराज छत्रसाल ने युवाओं को मातृभूमि के प्रति सम्मान की भावना की प्रेरणा दी। उन्होंने दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर स्वयं अपना भाग्य गढ़ा और इतिहास की रचना की। समारोह अखिल भारतीय बुंदेलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद द्वारा किया गया था।

श्री यादव ने बुंदेली भाषा के प्रसिद्ध कवि श्री कैलाश मड़वैया के ग्रंथ “सात समन्दर पार” का विमोचन किया। राज्यपाल ने साहित्यकार और समाजसेवी डॉ. कामिनी सेवढ़ा, श्री अभिनन्दन गोइल तथा डॉ. थिरोमणि सिंह पथ को शाल, श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।

राज्यपाल श्री यादव ने कहा कि महाराज छत्रसाल तलवार के साथ कलम से भी समाज और देश को कुरीतियों से बचाने की कोशिश करते रहे। वे एक महान योद्धा थे, जिन्होंने अपनी तलवार के दम पर मध्य देश में संघर्ष किया और बुंदेलखण्ड के वृहद भूभाग को मुगलों से मुक्त करवाने में सफल हुए।

समारोह में पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री प्रदीप जैन आदित्य, बुंदेलखण्ड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री रामकृष्ण कुसमरिया और राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री अजय तिर्की, अखिल भारतीय बुंदेलखण्ड साहित्य एवं सांस्कृति परिषद के अध्यक्ष श्री कैलाश मड़वैया तथा बुंदेली भाषा के साहित्यकार उपस्थित थे। इससे पूर्व राज्यपाल श्री यादव ने महाराज छत्रसाल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर समारोह का शुभारंभ किया।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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