Posted on 25 Jul, 2018 3:38 pm

 

बड़वानी जिले के खेतिया निवासी मनोज चौधरी के बेटे निखिल का जब मुख्यमंत्री श्रवण योजना में ऑपरेशन हुआ और वह पहली बार बोला तो उसके माता-पिता कुछ समय के लिये तो अपनी सुध-बुध ही खो बैठे। कुछ समय बाद उनको एहसास हुआ कि उनका बेटा अब बोल सकता है, तो आँखों से खुशी के आँसू बह निकले। मनोज चौधरी मुख्यमंत्री का आभार मानते हुए कहते हैं कि खेतिया में मेरी छोटी-सी कपड़े की दुकान है। इसकी आमदनी से इतना बड़ा ऑपरेशन करवाना मेरे लिए संभव ही नहीं था। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम यदि निखिल के आँगनबाड़ी केन्द्र न पहुँची होती, तो आज निखिल बोलने-सुनने में सक्षम न हुआ होता। पहले तो ऑपरेशन की बात सुनकर मैं बहुत डर गया था और ऑपरेशन करवाने से मना कर दिया था, लेकिन पत्नी के समझाने पर बड़वानी के शिविर में इंदौर से आये डॉक्टरों को दिखाया। निखिल का सरकारी खर्चे पर इंदौर के निजी अस्पताल में नि:शुल्क इलाज हुआ। आज 6 वर्षीय निखिल खेतिया के निजी स्कूल में पढ़ने जाने लगा है।

नि:शुल्क सर्जरी ने दी राधिका को नई जिन्दगी : धार जिले के गाँव बोधवाड़ा की नन्हीं राधिका हमेशा बीमार रहती थी। जब आबीएसके की टीम उसके ऑगनबाड़ी केन्द्र पहुँची, तो राधिका की माँ ने उसका परीक्षण करवाया। डॉक्टरों ने हृदय रोग की संभावना बताते हुए इंदौर के अरविन्दो अस्पताल में शासकीय मदद से इलाज करवाने की सलाह दी। जल्दी ही राधिका के माता-पिता इंदौर पहुँचे। सारे परीक्षणों के बाद राधिका का सफल हृदय ऑपरेशन हुआ। आज राधिका स्वस्थ है और सामान्य बच्चों की तरह जीवन जीने लगी है।

नन्हीं शिवानी के लिये आरबीएसके टीम बनी वरदान : अलीराजपुर जिले के गाँव दरखड़ के कृषि मजदूर वीर सिंह की 7 माह की बेटी के होंठ जन्म से ही कटे-फटे थे और वह कुपोषण की भी शिकार हो गई थी। गिरते स्वास्थ्य से चिंतित माता-पिता के झाड़-फूँक कराने के बाद स्थिति और नाजुक होती जा रही थी। ऐसे में एक दिन आरबीएसके की टीम ने शिवानी की माँ से सम्पर्क कर समझाया कि शिवानी के होंठ का ऑपरेशन हो सकता है और पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती कराने पर यह पूरी तरह ठीक हो जायेगी। समझाइश असर लायी और बालिका का सरकारी खर्चे पर निशुल्क ऑपरेशन हुआ। पोषण पुर्नवास केन्द्र से लौटने के बाद शिवानी स्वस्थ्य हो गयी है। आज उसके माता-पिता बहुत खुश हैं और शासन को दुआएं दे रहे है।

तनिष्का अब नहीं है हृदय रोगी : होशंगाबाद जिले के गांव कांसखेड़ा के हरप्रसाद चौरे की बेटी तनिष्का कक्षा तीसरी में थी। एक दिन स्कूल पहुंचे चिकित्सकों के दल ने स्वास्थ्य परीक्षण के बाद कहा कि तनिष्का के हृदय में छेद है तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ। अपने विश्वास की पुष्टि के लिये उन्होंने होशंगाबाद के स्वास्थ्य शिविर में तनिष्का को दिखाया। वहां भी चिकित्सकों ने हृदय रोग की पुष्टि की। हरप्रसाद परेशान हो गये, क्योकि उनकी खेती-बाड़ी से इतनी आमदनी नहीं थी कि इतने मेहंगे ऑपरेशन का खर्च उठा पाते। चिकित्सकों ने दिलासा देते हुए मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना से 90 हजार रूपये की राशि स्वीकृत कराने में मदद की। स्वीकृत राशि से तनिष्का का नागपुर के श्रीकृष्णा हृदयालय में सफल ऑपरेशन हुआ। आज तनिष्का स्वस्थ्य है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश