Posted on 06 Oct, 2017 5:59 pm

 

समाज में गरीब व्यक्ति का स्वयं का पक्का मकान होना दिवा स्वप्न के समान होता है। गरीब व्यक्ति का संघर्ष काफी हद तक अपनी रोजी-रोटी कमाने में ही चला जाता है। बालाघाट जिले की तहसील किरनापुर के ग्राम नन्दोरा के चमनलाल उन व्यक्तियों में से हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में लाभ मिला और आज उनका खुद का पक्का मकान है। आज उनके मकान में पक्का शौचालय भी है।

चमनलाल अनुसूचित-जाति वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। उनके परिवार में वृद्ध माता-पिता समेत 7 सदस्य हैं। उनके पास पहले कच्चा मकान हुआ करता था, जिसे उन्होंने जैसे-तैसे करके बनाया था। इसके बाद केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की जानकारी मिली। जनपद पंचायत किरनापुर के अधिकारियों से उनकी बात हुई। इसके बाद उन्हें इस योजना की विस्तृत जानकारी रोजगार सहायक से मिली। रोजगार सहायक की मदद से उन्होंने सरकारी औपचारिकताओं को पूरा किया। इसके बाद आवास सूची में उनका नाम शामिल हो गया। उन्हें पहली किस्त में 40 हजार रुपये और दूसरी और तीसरी किस्त में 45-45 हजार रुपये की राशि मिली। उन्होंने अपने मकान के निर्माण में मजदूरी करके भी सहयोग किया।

आज उनका मकान बनकर तैयार हो गया है और पक्के मकान में वे अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। चमनलाल कहते हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना उनके जीवन में अंधेरे में उजाले की किरण के समान साबित हुई है। खुद के पक्के मकान से उनकी गाँव में प्रतिष्ठा भी बढ़ी है।

सफलता की कहानी (बालाघाट)

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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