Posted on 03 Apr, 2018 7:40 pm

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने चना, मसूर और सरसों के समर्थन मूल्य खरीदी केन्द्रों का युक्तियुक्तकरण करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर बिक्री के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या के आधार पर खरीदी केन्द्रों की आवश्यकता का चिन्हांकन कर खरीदी केन्द्रों का निर्धारण किया जाये। श्री चौहान आज मंत्रालय में रबी-2018 की फसल उपार्जन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया, किसान कल्याण और कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन और मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह भी मौजूद थे।

चना, मसूर, सरसों उपार्जन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसान चना, मसूर और सरसों की गुणवत्तापूर्ण फसलें खरीदी केन्द्रों पर लायें। इस संबंध में उनको सूचित और शिक्षित किया जाये। फसलों की उत्पादकता का निर्धारण स्थानीय और व्यवहारिक वास्तविकताओं के अनुसार किया जाये ताकि किसानों की उत्पादित फसल की खरीदी हो सकें। कार्य की गहन निगरानी भी की जाये ताकि व्यवस्था में गड़बड़ी नहीं की जा सकें। बताया गया कि चना, मसूर, सरसों के 14 लाख 1 हजार 481 किसानों ने पंजीयन करवाया है। चना, मसूर, सरसों की उपार्जन अवधि 10 अप्रैल से 31 मई 2018 है। इस अवधि में सभी संभागों में उपार्जन कार्य होगा।

गेहूँ उपार्जन

श्री चौहान ने गेहूँ उपार्जन कार्य की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि बारदानों की आवश्यकता के अग्रिम आकलन के आधार पर बारदानों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। उपार्जन व्यवस्था में किसी भी तरह का व्यवधान नहीं हो। बताया गया कि गेहूँ उपार्जन के लिए प्रदेश में 2,978 केन्द्रों का गठन किया गया है। कुल 15 लाख 35 हजार 962 कृषकों का पंजीयन किया गया है। खरीदी के संबंध में अभी तक 3 लाख 9 हजार 943 कृषकों को एस.एम.एस. से सूचना दी गई है। इनमें से 1 लाख 36 हजार 575 कृषकों से 6 लाख 52 हजार 60 मीट्रिक टन गेहूँ की खरीदी हो गई है। अभी तक 801 करोड़ 12 लाख रूपये का भुगतान हो चुका है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

Recent