Posted on 01 Jun, 2016 7:33 pm

मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी (अजजा) विधानसभा सीट के लिए 30 मई को हुए मतदान के बाद वोटों की गिनती 2 जून को सुबह आठ बजे से होगी। बैतूल के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में मतों की गिनती की जायेगी। मतगणना के लिए विवेकानंद हॉल में 21 टेबल लगवायी गई है। घोड़ाडोंगरी में मतदान का प्रतिशत 74.48 रहा था। मतगणना में सात उम्मीदवार के भाग्य का फैसला होगा।

उम्मीदवार

क्र

नाम

राजनैतिक दल

1.

श्री प्रताप सिंह उइके

इंडियन नेशनल कांग्रेस

2.

श्री मंगलसिंग धुर्वे

भारतीय जनता पार्टी

3.

डॉ. पवन सिंह

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी

4.

श्री बरातीलाल उइके

बहुजन मुक्ति पार्टी

5.

श्री किसनलाल बारस्कर

निर्दलीय

6.

आम आदमी राजेश सरियाम

निर्दलीय

7.

श्री सुखलाल धुर्वे

निर्दलीय

मतगणना में वोटों की गिनती का कार्य 17 राउण्ड में होगा। मतगणना-स्थल पर त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में ईवीएम को स्ट्रांग रूम से मतगणना स्थल लाया जायेगा। मतगणना स्थल पर बिना पास के किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जायेगा। मोबाइल, केमरे आदि सामग्री ले जाना प्रतिबंधित रहेगा। सबसे पहले डाक-मतपत्रों की गिनती की जायेगी। उप-चुनाव के लिये 82 डाक-मतपत्र भेजे गये हैं। डाक-मतपत्र सुबह आठ बजे तक स्वीकार किये जायेंगे। इनकी गणना अलग टेबल पर होगी। भारत निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक श्री संथाला गोपालन आर. मतगणना-स्थल पर मौजूद रहेंगे। मतगणना की वीडियोग्राफी भी करवायी जायेगी। मतगणना में लगभग 200 अधिकारी-कर्मचारी तैनात किये गये हैं।

वर्ष 2013

घोड़ाडोंगरी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 2013 में हुए आम-चुनाव में 2 लाख 5 हजार 683 मतदाता थे। इनमें पुरुष एक लाख 5 हजार 477 तथा एक लाख 206 महिला मतदाता थीं। मतदान में एक लाख 61 हजार 455 (78.50 प्रतिशत) मतदाता ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के श्री सज्जनसिंह उईके अपने निकटतम प्रत्याशी इंडियन नेशनल कांग्रेस के श्री ब्रम्हा भलावी से 8,084 मत से विजयी हुए थे।

वर्ष 2008

साल 2008 के विधानसभा के आम-चुनाव में कुल एक लाख 63 हजार 732 मतदाता थे। मतदान में एक लाख 13 हजार 10 (69.02 प्रतिशत) मतदाता ने हिस्सा लिया था। तब चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सुश्री गीता रामजीलाल उइके इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रताप सिंह उइके से 4127 मत से विजयी रही थी।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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