ग्रामीण महिलायें बना रहीं हैं 3880 क्विंटल से अधिक अगरबत्ती हर माह
Posted on 18 Jul, 2017 7:12 pm
भोपाल : मंगलवार, जुलाई 18, 2017, 19:04 IST | |
आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिला सदस्यों द्वारा अगरबत्ती का उत्पादन किया जा रहा है। घर बैठे किये जानेवाला यह काम उनकी अतिरिक्त आय का जरिया बन गया है। आजीविका गतिविधियों से जुड़कर महिलायें आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा स्व-सहायता समूह सदस्यों को आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने के लिए अन्य कार्यों के साथ-साथ अगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रदेश में 1896 महिलाओं द्वारा अगरबत्ती बनाने का कार्य किया जा रहा है। पैडल एवं ऑटोमेटिक मशीनों से प्रदेश में लगभग 90 क्विंटल प्रतिदिन अगरबत्ती का उत्पादन किया जा रहा है। प्रदेश के 24 जिलों के 154 ब्लॉक में 255 अगरबत्ती यूनिट संचालित है। प्रतिमाह लगभग 3880 क्विंटल अगरबत्ती का निर्माण हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के निर्धन परिवारों की महिलाओं द्वारा बनाई जा रही यह अगरबत्ती, पैकिंग, खुशबू के मामले में बहुर्राष्ट्रीय कंपनियों से पीछे नहीं है। आजीविका अगरबत्ती की बाजार में मांग बनी हुई है। बड़ी संख्या में महिलायें व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से इस कार्य से जुड़ी हुई है। प्रमुख रूप से शिवपुरी, रीवा, सागर, धार आदि जिलों की अगरबत्ती प्रदेश के साथ अन्य प्रदेशों के बाजारों में भी अपनी पहचान बनाती जा रही है। ''व्ही टू सी बाजार डॉट कॉम'' के माध्यम से आजीविका उत्पादों को डिजीटल प्लेटफॉर्म से वैश्विक बाजार से सीधा जोड़ा गया है। |
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश