Posted on 13 Aug, 2018 4:15 pm

 

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि पंचायत राज व्यवस्था में ग्राम-सभा सशक्त माध्यम है। इनसे प्रत्येक ग्रामवासी ग्राम विकास में भागीदार बन सकता है। ग्राम सभा निर्वाचित प्रतिनिधियों और उनके कार्यों का सामाजिक मूल्यांकन करती है। इसलिए आवश्यक है कि प्रत्येक ग्रामवासी अनिवार्य रूप से ग्राम सभा में भागीदारी दर्ज करवाये।

मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम-1993 के प्रावधानों के तहत 15 अगस्त, 2018 से ग्राम-सभाओं का चरणबद्ध आयोजन किया जायेगा। ग्राम-सभाओं में पंच परमेश्वर योजना की राशि और प्रगति पर चर्चा, प्रधानमंत्री आवास की प्रगति, आवास एप, पंजीयन पर चर्चा, ग्राम को खुले में शौच से मुक्त, कचरा-मुक्त, कीचड़-मुक्त, ग्राम पंचायत में अनिवार्य करारोपण एवं वसूली, आँगनवाड़ी पोषण आहार, मध्यान्ह भोजन, पेंशन योजनाओं, नशामुक्ति, स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

आयुक्त पंचायत राज श्री शमीम उद्दीन ने बताया कि ग्राम-सभाओं में जिला कलेक्टर की ओर से एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी। ग्रामसभा की सूचना पंचायत भवन के सूचना-पटल और सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिये गये हैं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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