Posted on 12 Oct, 2017 4:57 pm

मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना में किसानों के पंजीयन की कार्यवाही ग्राम सभाओं में शुरू हो गई है। सभी किसानों का पंजीयन सुनिश्चित होने तक यह कार्यवाही जारी रहेगी। ग्राम सभाओं में विभागीय अधिकारी अधूरे आवेदनों को स्वयं पूरा करवायेंगे और ग्राम सभा के प्रभारी अधिकारी किसान को पंजीयन की पावती भी देंगे। इस योजना में पंजीयन के लिये किसानों को आधार कार्ड, समग्र आईडी, मोबाइल नम्बर तथा बैंक खाते आदि की जानकारी देना जरूरी है।

योजना का अधिकाधिक लाभ दिलाने जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी

योजना में सात दलहनी फसलों सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग और उड़द का 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर 2017 तक कृषि उपज मंडियों में क्रय-विक्रय किया जाएगा। प्रमुख सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग डॉ. राजेश राजौरा ने जिला कलेक्टरों से कहा है कि कृषि उपज मंडियों में क्रय-विक्रय की कार्यवाही अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों के द्वारा ही सुनिश्चित की जाए ताकि अधिकाधिक किसानों को इस योजना का समुचित लाभ मिल सके। जिला कलेक्टरों को निर्देश दिये गये हैं, कि 16 अक्टूबर से पहले जिला मुख्यालय की मंडियों के अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों की बैठक कर क्रय-विक्रय की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करें। इसी प्रकार राजस्व अनुभाग स्तर पर भी बैठक की जाए और अनुभाग की कृषि उपज मंडियों तथा उप मंडियों में अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों के माध्यम से दलहनी फसलों के क्रय-विक्रय की सुचारू व्यवस्था की जाए।

257 कृषि उपज मंडी समितियों को 405 लाख रुपये स्वीकृत

मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना और किसान हितैषी एवं कृषि प्रोन्नति से जुड़े किसान सम्मेलन के लिये प्रदेश की 257 कृषि उपज मंडी समितियों को 405 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस राशि का व्यय मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड की कृषि अनुसंधान एवं अधोसंरचना विकास निधि की अर्जित ब्याज मद से किया जाएगा।

कृषि उपज मंडी समितियों को यह राशि निर्धारित श्रेणी के अनुसार मिलेगी। ज्ञातव्य है कि प्रदेश में 'क' श्रेणी की 39, 'ख' श्रेणी की 42, 'ग' श्रेणी की 56 और 'घ' की 120 कृषि उपज मंडी समितियाँ हैं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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