Posted on 04 Mar, 2019 7:24 pm

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने कहा है कि राज्य सरकार अपने वचन पत्र के अनुसार पंचायत राज संस्थाओं को सशक्त बनाने के लिए कृत-संकल्पित है l इसी कड़ी में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों को निर्माण कार्यों में प्रशासकीय की स्वीकृति के अधिकारों की सीमा को बढ़ा कर दोगुना कर दिया गया है। अब ग्राम पंचायत 5 लाख के स्थान पर 10 लाख रुपए तक लागत के निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर सकेंगी। श्री पटेल ने बताया कि जिला पंचायतों और जनपद पंचायतों के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और सदस्यों के वित्तीय अधिकारों में वृद्धि की घोषणा के अनुसार आदेश जारी कर दिये गये हैं।

मंत्री श्री पटेल ने कहा है कि पंचायतों को अधिकार संपन्न बनाने के लिए आवश्यक है कि उनके अधिकारों में वृद्धि की जाए। तभी ग्राम पंचायतें उत्तम गुणवत्ता के साथ गाँव के विकास में अपनी भूमिका सुनिश्चित कर सकेंगी। उन्होंने बताया कि यह निर्णय भी लिया गया है कि भारत सरकार की निधि से संचालित कार्यों में ग्राम पंचायतें 10 लाख की जगह 15 लाख तक की प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर सकेंगी। श्री पटेल ने स्पष्ट किया है कि ग्राम पंचायत द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्यों के मूल्यांकन और परीक्षण की प्रक्रिया पूर्व निर्धारित ही होगी।

अधिकारों में वृद्धि के आदेश जारी

मंत्री श्री पटेल ने बताया कि त्रि-स्तरीय पंचायत राज प्रतिनिधियों की 23 फरवरी की कार्यशाला में वित्तीय अधिकारों में वृद्धि की घोषणा की गई थी। घोषणा के अनुरूप विधिवत आदेश राज्य शासन द्वारा जारी कर दिए गए हैं। इसके अनुसार जिला पंचायत स्तर पर अध्यक्ष के वित्तीय विकल्प अधिकार 25 लाख से बढ़ाकर 50 लाख,  उपाध्यक्ष के 15 लाख से बढ़ाकर 20 लाख, जिला पंचायत सदस्य के 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रूपये कर दिये गये हैं।

इसी क्रम में जनपद पंचायत स्तर पर अध्यक्ष के वित्तीय विकल्प अधिकार 12 लाख से बढ़ाकर 20 लाख,  उपाध्यक्ष के 8 लाख से बढ़ाकर 10 लाख तथा जनपद पंचायत सदस्य के 4 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रूपये कर दिये गये हैं। उल्लेखनीय है कि पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा अपने वित्तीय अधिकारों की वृद्धि की लंबे समय से मांग की जा रही थी, जिसे राज्य सरकार द्वारा अपने वचन पत्र में भी शामिल किया गया था।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​​

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